दुनिया भर में हो रही अत्यधिक अकाल मौतों को रोकने के लिए आहार पर ध्यान देने की ज़रूरत है।
यह कहना है एक नई रिसर्च का, जिसमें लोगों को पौधों से प्राप्त प्रोडक्ट्स ज्यादा खाने की सलाह दी गई है।
स्पेन की रिसर्च ने प्लैनेटरी हेल्थ डाइट (Planetary health diet) और मेडिटेरेनियन डाइट (Mediterranean diet) को स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए लाभकारी पाया है।
पौधों से मिलने वाला आहार कम खाने वालों की तुलना में अधिक से सर्व-कारण मृत्यु दर (All-cause mortality) तथा पर्यावरणीय दुष्प्रभावों में कमी थी।
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गौरतलब है कि हृदय रोग से होने वाली मृत्यु दर में खान-पान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
कई स्टडीज ने स्वस्थ और पौष्टिक आहार को अकाल मृत्यु की रोकथाम में सहायक बताया है।
रिसर्च विशेषज्ञों ने पौधे आधारित आहार में मुख्यत: फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, फलियां, नट्स और वनस्पति तेलों का अधिक सेवन लाभकारी बताया।
जबकि डेयरी, स्टार्च वाली सब्जियों, पोल्ट्री और मछली का मध्यम सेवन, लेकिन सैचुरेटेड फैट, मीट और अधिक चीनी का सेवन कम कहा।
उनके विश्लेषण में स्पेन की एक स्टडी में शामिल 11,488 पुरुषों और महिलाओं के खान-पान का विवरण शमिल था।
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15 वर्षों तक चली छानबीन के दौरान, 18 से 96 वर्ष के उन निवासियों में से कुल 1,157 की सर्व-कारण मौतें हुईं।
विशेषज्ञों ने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और भूमि उपयोग के डेटा सहित खाद्य पदार्थों एवं उनके पर्यावरणीय प्रभावों का भी विश्लेषण किया।
गहन छानबीन के बाद, उपरोक्त दोनों डाइट का अधिक सेवन सर्व-कारण मृत्यु दर में कमी से जुड़ा हुआ था।
प्लैनेटरी हेल्थ डाइट ज्यादा खाने वालों की मृत्यु की संभावना सबसे कम वालों की तुलना में 22% घटी हुई थी।
मेडिटेरेनियन डाइट के अधिक सेवन वालों की मृत्यु-संभावना में सबसे कम वालों की तुलना में 21% की कमी थी।
फलों, डेयरी, वनस्पति तेलों, ड्राई फ्रूट्स, सोडा और पेस्ट्री का कम सेवन स्वतंत्र रूप से कम मृत्यु दर से जुड़ा हुआ था।
पर्यावरणीय प्रभाव के संदर्भ में, दोनों डाइट से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और भूमि उपयोग का स्तर समान रूप से नीचे था।
लेकिन डेयरी और मीट प्रोडक्ट्स ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाने वाली ग्रीनहाउस गैस में सबसे बड़े योगदानकर्ता थे।
कुल मिलाकर, दोनों डाइट का अधिक सेवन सभी कारणों से होने वाली मृत्यु दर में कमी से जुड़ा था।
पौधों पर आधारित आहार अपनाने से स्वास्थ्य और पर्यावरणीय लाभों में भी बढ़ोतरी की पुरजोर संभावना थी।
यह रिसर्च ESC प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी 2025 में प्रस्तुत की गई थी।
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