दो सस्ती दवाओं के इस्तेमाल से स्ट्रोक या हार्ट अटैक के हजारों मरीजों की जान बचाई जा सकती है।
यह दावा किया है यूके और स्वीडन के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा की गई स्टडी ने।
स्टडी में कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवाएं, स्टैटिन (Statins) और एज़ेटीमीब (Ezetimibe), हार्ट अटैक रोगियों के लिए जीवनरक्षक पाई गई है।
दोनों दवाओं को एक साथ देने से मरीजों को दिल के दौरे, स्ट्रोक या मौत का खतरा कम जाना गया।
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बता दें कि दुनिया भर में मौत का सबसे आम कारण हृदय रोग है, जिसमें हार्ट अटैक प्रमुख है।
हार्ट अटैक झेल चुके मरीजों को पहले वर्ष में एक और अटैक पड़ने का सर्वाधिक जोखिम होता है।
ऐसा ब्लड वेसेल्स के अधिक कमजोर होने से संभव है, जिससे खून के थक्के (Blood clots) बनना आसान हो जाता है।
लेकिन टीम ने हार्ट अटैक मरीजों को स्टैटिन और एज़ेटीमीब दवाएं इकट्ठी देने से हार्ट अटैक, स्ट्रोक या मौत के मामलों में कमी कही है।
इस बारे में उन्हें वर्ष 2015 और 2022 के बीच हार्ट अटैक पीड़ित 36,000 स्वीडिश रोगियों के डेटा विश्लेषण से पता चला।
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हार्ट अटैक पड़ने के 12 सप्ताह के भीतर स्टैटिन और एज़ेटीमीब द्वारा कोलेस्ट्रॉल कम करने में सक्षम मरीजों की हालत में सुधार था।
उन्हें देरी से दोनों दवाएं या केवल स्टैटिन प्राप्त मरीजों की अपेक्षा दिल-संबंधी नई समस्याओं और मौत का खतरा कम था।
स्टडी में बताया गया कि वर्तमान में हार्ट अटैक के रोगियों को दोनों दवाएं एक साथ नहीं दी जाती है।
ऐसा साइड-इफेक्ट्स और ओवरमेडिकेशन से बचने के लिए एहतियाती तौर पर किया जाता है।
हालाँकि, हार्ट अटैक के तुरंत बाद दोनों दवाओं के उपचार से मरीज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकते है।
इस बारे में अधिक जानकारी Journal of the American College of Cardiology में छपी स्टडी दे सकती है।
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