युवाओं को टैटू (Tattoo) गुदवाने का ज्यादा चाव रहता है, लेकिन टैटू उनका स्वास्थ्य बिगाड़ भी सकता है।
दरअसल, त्वचा पर टैटू की स्याही (Tattoo ink) लगने के बाद इसके कण शरीर में गहराई तक चले जाते है।
इस बारे में खोजबीन करते हुए डेनमार्क के रिसर्चर्स ने डराने वाली जानकारी दी है।
एक स्टडी में उन्होंने पाया कि टैटू स्याही के कुछ कण लिम्फ नोड्स (Lymph nodes) में पहुंचकर जमा होने लगते है।
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इससे टैटू गुदवाने वालों में त्वचा (Skin) और लिम्फोमा (Lymphoma) कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
बता दें कि लिम्फ नोड्स हमारे इम्यून सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
ये संक्रमण से लड़ने और शरीर से हानिकारक पदार्थों को फ़िल्टर करने में सहायक हैं।
रिसर्चर्स ने चिंता जताते हुए कहा कि टैटू की स्याही लिम्फ नोड्स में सूजन को ट्रिगर कर सकती है।
यह सूजन धीरे-धीरे असामान्य कोशिका वृद्धि और कैंसर के बढ़ते खतरे का कारण बन सकती है।
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रिसर्च टीम को यह महत्वपूर्ण जानकारी लगभग 60 हजार डेनिश जुड़वाँ के डेटा उपयोग से मिली है।
कैंसर के साथ टैटू पैटर्न का विश्लेषण करते हुए उन्हें टैटू वालों में त्वचा और लिम्फोमा कैंसर, दोनों के अधिक मामले मिले।
टैटू और कैंसर का संबंध हथेली से भी बड़े आकार का टैटू गुदवाने वालों में सबसे अधिक स्पष्ट था।
बड़े टैटू वालों में खासकर लिम्फोमा की दर बिना टैटू वालों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक थी।
यानी टैटू जितना बड़ा और लंबा होगा, गुदवाने वाले के लिम्फ नोड्स में उतनी ही अधिक स्याही जमा होगी।
हालांकि, टीम इस रहस्य के पीछे छिपे तंत्र को बेहतर ढंग से समझने में नाकाम रही।
उनके अनुसार, टैटू में इस्तेमाल कुछ स्याही में दूसरों की अपेक्षा अधिक हानिकारक पदार्थ हो सकते हैं।
देखा भी गया है कि लाल स्याही अक्सर त्वचा में एलर्जी प्रतिक्रियाओं का कारण बनती है।
फिलहाल इस विषय पर टीम ने आगे और अधिक खोज करने की इच्छा जाहिर की है।
इस बारे में ज्यादा जानने के लिए BMC Public Health में छपी स्टडी पढ़ी जा सकती है।