हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) घटाने में शरीर को आराम देने वाली तकनीक (Relaxation techniques) उपयोगी हो सकती हैं।
ऐसा यूके की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने मौजूदा स्टडीज के विश्लेषण से जाना है।
हालांकि, तकनीकों से हाई बीपी में लंबे समय तक फायदा होगा या नहीं, यह गहन रिसर्च का विषय है।
बता दें कि हाई बीपी 30 से 79 वर्षीय लगभग एक तिहाई इंसानों को प्रभावित करता है।
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यह समस्या दुनिया भर के पुरुषों और महिलाओं की मौत के प्रमुख कारणों में से एक है।
समस्या निवारण हेतु भले ही दवाएँ उपलब्ध हैं, लेकिन अधिक निर्भरता हानिकारक हो सकती है।
इसलिए वैज्ञानिक हाई बीपी के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक, उच्च तनाव (High Stress), को घटाने में प्रयासरत है।
इस प्रयास में योग, संगीत, ताय ची (Tai Chi), माइंडफुलनेस, बायोफीडबैक (Biofeedback) आदि प्रभावी कहे गए है।
उपरोक्त तकनीकों की सटीकता जानने के लिए विशेषज्ञों की टीम ने 54 स्टडीज का चयन किया था।
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अधिकांश तरीकों से तीन या कम महीनों के बाद हाई बीपी वालों के सिस्टोलिक और डायस्टोलिक प्रेशर में कमी हुई थी।
सांस कंट्रोल, योग, ताय ची, बायोफीडबैक, मांसपेशियों को आराम, और संगीत सुनना सर्वाधिक असरदार रहे। ।
बिना किसी तकनीक आजमाने की तुलना में, माइंडफुलनेस से सिस्टोलिक प्रेशर में 9.90 mm Hg की कमी थी।
योग/ताय ची (9.58 mm Hg), मेडिटेशन (7.71 mm Hg), व ब्रीदिंग कंट्रोल (6.65 mm Hg) से भी हाई बीपी में गिरावट थी।
संगीत से 6.61 mm Hg, मसल रिलैक्सेशन (PMR) से 7.46 mm Hg और मनोचिकित्सा से 9.83 mm Hg की कमी मिली।
नतीजों की मानें तो तनाव घटाने वाली हर तकनीक से तीन महीने तक हाई बीपी में महत्वपूर्ण कमी हो सकती है।
लेकिन हाई बीपी से अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए मरीजों को लंबे समय तक दवाओं या व्यवहार परिवर्तन की आवश्यकता हो सकती है।
इस बारे में अधिक जानकारी BMJ Medicine में छपी स्टडी से मिल सकती है।