Early Dementia Risk: बढ़ती तोंद, शुगर, ब्लड प्रेशर और अन्य समस्याओं से डिमेंशिया विकास में तेजी आती है।
उपरोक्त स्वास्थ्य समस्याओं वालों को 65 वर्ष से पहले ही डिमेंशिया (Dementia) रोग हो सकता है।
यह कहना है कोरिया के स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा की गई एक नई स्टडी का।
स्टडी में 20 लाख लोगों की जांच से मेटाबोलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome) और डिमेंशिया के बीच महत्वपूर्ण संबंध मिला है।
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मेटाबोलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome) में कई स्वास्थ्य समस्याएं एक साथ होती हैं।
यह सिंड्रोम हाई बीपी, ब्लड शुगर, मोटापा और असामान्य कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं का समूह है।
इनसे प्रभावितों को हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
बता दें कि दिमागी क्षमता में गिरावट से जुड़ा डिमेंशिया रोग वृद्धावस्था में होता है।
लेकिन मेटाबोलिक सिंड्रोम होने से कम आयु में ही डिमेंशिया का खतरा हो सकता है।
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स्टडी में साऊथ कोरिया के 40 से 60 वर्षीय लगभग 20 लाख लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड की जाँच हुई थी।
जांच में कमर साइज, ब्लड प्रेशर, ग्लूकोज, ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल का माप शामिल था।
आठ वर्ष की छानबीन के दौरान, 8,921 लोगों में डिमेंशिया विकसित होने की संभावना थी।
विशेषज्ञों ने पाया कि मेटाबोलिक सिंड्रोम की समस्या डिमेंशिया के 24% अधिक जोखिम से जुड़ी थी।
सिंड्रोम से अल्जाइमर रोग और नसों (Vascular) के डिमेंशिया का क्रमश:12% और 21% अधिक खतरा था।
मेटाबोलिक सिंड्रोम वाली महिलाओं तथा पुरुषों में डिमेंशिया का जोखिम क्रमश: 34% और 15% अधिक था।
यही नहीं, 40 वर्ष की आयु वालों को 50 वालों की तुलना में डिमेंशिया शुरुआत का खतरा अधिक था।
मेटाबोलिक सिंड्रोम से जुड़ी पाँच समस्याओं वालों में डिमेंशिया का 70% अधिक खतरा था।
सिंड्रोम में कमी के लिए स्वस्थ आहार, नियमित कसरत, धूम्रपान छोड़ना और वजन तथा तनाव घटाने की सलाह दी गई।
ऐसा करने से युवावस्था में होने वाले डिमेंशिया का जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है।
अधिक जानकारी, Neurology® जर्नल में छपी स्टडी से मिल सकती है।
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