दूषित हवा और रात की आर्टिफिशियल रोशनी से बच्चों में थायरॉयड कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
यह चिंताजनक जानकारी अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स द्वारा की गई स्टडी ने दी है।
नई स्टडी ने दूषित हवा के अति महीन कणों (PM2.5) और रात की आउटडोर तेज आर्टिफिशियल रोशनी (O-ALAN) से बच्चों और 19 वर्ष तक के किशोरों में पैपिलरी थायरॉयड कैंसर (Papillary thyroid cancer) का खतरा बताया है।
यह खतरा गर्भावस्था से लेकर जन्म के एक वर्ष बाद तक के समय (Perinatal stage) के दौरान जाना गया है।
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रिसर्च टीम ने बढ़ते शहरीकरण और ट्रैफिक से दोनों तरह के खतरों में वृद्धि पर चिंता जताई है।
अधिक जानकारी के लिए उन्होंने जन्म आधार पर 20 वर्ष की आयु से पहले पैपिलरी थायरॉयड कैंसर के 736 मरीजों और 36,800 अन्य लोगों के डेटा का विश्लेषण किया था।
उन्नत तकनीक द्वारा टीम ने जन्म के समय आवासीय स्थान पर PM2.5 और O-ALAN के लिए स्तर का आकलन किया।
नतीजों से पता चला कि PM2.5 खतरे में हर 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की वृद्धि से थायराइड कैंसर विकसित होने की संभावना 7% अधिक थी।
दूषित हवा से बच्चों और 15-19 वर्ष किशोरों में पैपिलरी थायरॉयड कैंसर का सर्वाधिक खतरा पाया गया।
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इसी तरह, रात में ज्यादा बाहरी रोशनी वाले क्षेत्रों के बच्चों में भी थायरॉयड कैंसर की 23-25% अधिक संभावना थी।
थायरॉयड कैंसर बच्चों और किशोरों में सबसे तेजी से बढ़ने वाले कैंसरों में से एक है। हालांकि, कारण बहुत कम ज्ञात है।
जीवन के शुरुआती दिनों में PM2.5 और रात की बाहरी रोशनी के प्रदूषण जैसे कारण पहली बार जाने गए है।
इसलिए टीम ने अभी बड़े पैमाने पर और अधिक खोजबीन करने की आवश्यकता बताई है।
फिलहाल बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए वायु और प्रकाश प्रदूषण पर तुरंत नकेल कसने की मांग की गई है।
इस बारे में ज्यादा जानकारी Environmental Health Perspectives जर्नल में छपी स्टडी दे सकती है।
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