शारीरिक गतिविधि (Physical activity) से कई तरह की बीमारियों के खतरे में कमी पाई गई है।
इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने शारीरिक गतिविधियों को दवा-समान असरदार कहा है।
इस विषय पर हुई चीन की एक नई स्टडी ने और भी रोचक जानकारी दी है।
स्टडी ने मध्यम से जोरदार एक्सरसाइज से चिंता, स्ट्रोक, डिमेंशिया, डिप्रेशन और नींद संबंधी विकार कम पनपने की संभावना कही है।
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यह जानकारी यूके के 70,000 से अधिक लोगों की स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट के विश्लेषण से मिली है।
स्टडी ने अधिक देर तक बैठने वालों को उपरोक्त किसी एक बीमारी के विकसित होने की संभावना अधिक बताई है।
नतीजे देखने के बाद दिमागी स्वास्थ्य बढ़ाने और इन बीमारियों में कमी के लिए एक्सरसाइज आवश्यक मानी गई है।
लोगों को अधिक एक्टिव रहने के लिए प्रोत्साहित करने से भविष्य में इन बीमारियों के मामले कम हो सकते है।
ताजा जानकारी के लिए स्वास्थ्य विशषज्ञों ने 56 वर्ष की औसत आयु वाले 73,411 लोगों के हेल्थ डेटा की जांच की थी।
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उनकी शारीरिक गतिविधि और प्रतिदिन बैठने के समय को लगातार सात दिनों तक एक डिवाइस से मापा गया था।
कम शारीरिक गतिविधियों वालों की तुलना में पैदल चलने, सफाई करने और साइकिल चलाने में ज़्यादा समय बिताने वालों को उपरोक्त पाँच बीमारियां विकसित होने की संभावना 14% से 40% कम थी।
लोग जितनी देर तक बैठे रहें, उनमें किसी एक बीमारी के विकसित होने का जोखिम उतना ही ज़्यादा बढ़ता रहा।
सबसे कम समय बैठने वालों के मुकाबले घंटों बैठने वालों में बीमारियों का खतरा बढ़ने की संभावना 5% से 54% ज़्यादा थी।
एक्सरसाइज रोग पैदा करने वाली जलन-सूजन में कमी करते हुए दिमागी स्वास्थ्य और कार्यों में तेजी लाती मिली।
क्योंकि इस स्टडी में ज़्यादातर गोरे लोग थे, इसलिए नए नतीजे अन्य देशों की आबादी पर लागू होने में संदेह है।
स्टडी को अप्रैल 2025 में होने वाली अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ न्यूरोलॉजी की 77वीं वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।