Jumping workouts benefits: एक नई स्टडी ने घुटनों की मजबूती के लिए जंपिंग यानी कूदने वाली एक्सरसाइज लाभदायक कही है।
स्टडी का मुख्य उद्देश्य लंबे मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की कार्टिलेज (Cartilage) को क्षति से बचाने में मदद करना है।
बिना गुरुत्वाकर्षण के अंतरिक्ष यात्रियों की हड्डियाँ और मांसपेशियाँ कमजोर होकर क्षतिग्रस्त हो जाती है।
फिलहाल यह स्टडी चूहों पर हुई है। जंपिंग वर्कआउट (Plyometric training) के बाद चूहों के घुटने की कार्टिलेज स्वस्थ मिली है।
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स्टडी ने बताया कि कूदने की एक्सरसाइज से कार्टिलेज सहित पैरों की हड्डियां मजबूत बन सकती है।
बता दें कि महीन, रबर जैसी कार्टिलेज जोड़ों की हड्डियों के बीच कुशन का काम करती है।
कार्टिलेज क्षति वाले लोगों को जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन की दिक्क्त रहती है।
चोट, बुढ़ापा, बीमारी या अंतरिक्ष यात्रा जैसी निष्क्रियता से कार्टिलेज खत्म होने की प्रक्रिया में तेज़ी आती है।
पिछली कई स्टडीज ने ट्रेडमिल पर दौड़ने से कार्टिलेज टूट-फूट की प्रक्रिया धीमी बताई थी।
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नई स्टडी ने जंप-एक्सरसाइज से घुटनों की कार्टिलेज के स्वास्थ्य में सुधार की संभावना जताई है।
स्टडी में आराम करने वाले चूहों की कार्टिलेज कमजोर होने से गठिया (Osteoarthritis) के शुरुआती लक्षण देखे गए।
लेकिन सप्ताह में तीन बार जंप ट्रेनिंग करने वाले चूहों की कार्टिलेज मोटी और स्वस्थ मिली।
कम गतिशील चूहों के कार्टिलेज की मोटाई में 14% की कमी, जबकि जंप-ट्रेनिंग वालों में 26% की वृद्धि हुई।
इसके अतिरिक्त, कम चलने-फिरने वाले चूहों की तुलना में कूदने वाले चूहों की कार्टिलेज 110% अधिक मोटी थी।
यही नहीं, कूदने वाले चूहों के पिंडली की हड्डियों में 15% अधिक मिनरल डेंसिटी थी।
इंसानों को भी ऐसे लाभ मिलेंगे या नहीं, इसकी पुष्टि के लिए अधिक खोज की आवश्यकता है।
नतीजों की मानें तो जंपिंग वर्कआउट से खिलाड़ियों या आम इंसानों की फिटनेस बेहतर हो सकती है।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की यह स्टडी npj Microgravity जर्नल में छपी थी।
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