Move more, think sharper: ज्यादा एक्टिव रहना न केवल शरीर बल्कि दिमाग को भी स्वस्थ रखता है।
इसलिए उम्र बढ़ने के साथ-साथ तंदुरुस्त रहना हो तो चलने-फिरने जैसी कसरत करते रहें।
यह संदेश दिया है यूएस और साउथ ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य शोधकर्ताओं की नई रिसर्च ने।
उनकी संयुक्त रिसर्च में तेज़ चलने, पानी की एरोबिक्स या हल्की जॉगिंग जैसी धड़कने बढ़ाने वाली कसरत से दिमाग भी तेज पाया गया है।
- Advertisement -
मध्यम से ज़ोरदार शारीरिक गतिविधि करने वाले बुजुर्गों की प्रोसेसिंग स्पीड, याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता बेहतर थी।
दिलचस्प बात यह थी कि सिर्फ़ पाँच मिनट एक्सरसाइज करने वाले बुजुर्गों का दिमाग भी स्वस्थ पाया गया।
अधिक जानकारी, 65 से 80 वर्ष के 585 बुजुर्गों के स्वास्थ्य से प्राप्त आंकड़ों का आकलन करने से मिली।
टीम ने 24 घंटे के दिन में नींद, खाली बैठने और हल्की से जोरदार कसरत जैसी एक्टिविटी का मानसिक क्षमता पर असर जांचा।
उन्होंने अधिक कसरत करने से मस्तिष्क स्वास्थ्य बेहतर, लेकिन कमी से गिरावट जानी।
- Advertisement -
नतीजों ने बताया कि हमारी दैनिक गतिविधियों के छोटे-मोटे बदलाव मस्तिष्क स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं।
टीम ने दिल की धड़कन तेज करने वाली एक्सरसाइज से मानसिक कार्य कुशलता का प्रदर्शन बेहतर पाया।
खासकर एरोबिक एक्सरसाइज से सोचने, समझने, प्लानिंग, फोकस, मल्टीटास्क, याददाश्त आदि में अत्यंत सुधार था।
इसके विपरीत, शारीरिक गतिविधि न करने वाले बुजुर्गों के दिमाग की कार्य क्षमता में गिरावट दर्ज की गई।
गौरतलब है कि विश्व में 6 में से 1 व्यक्ति के 2030 तक 60 वर्ष या अधिक उम्र का होने की उम्मीद है।
इसलिए लोगों को अधिक उम्र तक स्वस्थ बनाए रखने के लिए शारीरिक गतिविधि को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
यह रिसर्च एज एंड एजिंग जर्नल में प्रकाशित हुई थी।
Also Read: बुढ़ापे तक दिमाग रखना हो स्वस्थ तो अपनाएं ये आदतें