एक नई स्टडी ने खाली समय की शारीरिक गतिविधि को टाइप 2 डायबिटीज का खतरा घटाने में महत्वपूर्ण बताया है।
इसमें जॉगिंग, तैराकी, साइकिल चलाना, कसरत करना या कोई खेल खेलने जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल की स्टडी ने डायबिटीज घटाने में कार्य-संबंधी गतिविधियों को पर्याप्त नहीं कहा है।
आराम से बैठे रहने और थकाने वाली कामकाजी गतिविधियों से डायबिटीज जोखिम बढ़ सकता है।
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नतीजों की मानें तो शारीरिक गतिविधि में बदलाव से दुनिया भर में टाइप 2 डायबिटीज के मामले घट सकते है।
गौरतलब है पिछले दस सालों में डायबिटीज मामलों में लगभग 20% की वृद्धि हुई है, जो चिंता का विषय है।
स्टडी के लिए विशेषज्ञों ने डेनमार्क के 30 से 60 वर्ष वाले 5,866 कामकाजी वयस्कों का डेटा लिया था।
उनमें से टाइप 2 डायबिटीज प्रभावितों की जानकारी डेनिश डायबिटीज रजिस्टर से ली गई थी।
शारीरिक परीक्षण से गुजरने के अलावा वयस्कों ने अपने व्यावसायिक और खाली समय की गतिविधियों का ब्योरा दिया था।
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समस्त जानकारी का विश्लेषण करने पर खाली समय में की गई मध्यम से जोरदार शारीरिक गतिविधि डायबिटीज जोखिम काफी कम करती मिली।
किसी भी तरह की ऑफिस जॉब सहित देर तक टीवी देखने या पढ़ने जैसी गतिविधि से डायबिटीज जोखिम बढ़ता मिला।
खाली समय में की गई शारीरिक गतिविधि किसी भी व्यावसायिक गतिविधि संग मिलकर टाइप 2 डायबिटीज रोकती मिली।
यही नहीं, विशेषज्ञों ने शारीरिक गतिविधि पर दी गई डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों को भी दोषपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा कि हफ्ते में 150 मिनट की शारीरिक गतिविधि काम और अवकाश के समय में अंतर नहीं करती है।
इसलिए पता नहीं चलता कि काम के घंटों में की गई शारीरिक गतिविधि भी मान्य है या नहीं।
नए नतीजे बताते है कि व्यावसायिक गतिविधियों की अपेक्षा खाली समय की मध्यम या कड़ी शारीरिक गतिविधि डायबिटीज सहित अन्य रोगों और असमय मौत का खतरा घटा सकती है।
यह स्टडी अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन में प्रकाशित हुई थी।
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