Everyday physical activity benefits: स्वस्थ दिमाग के लिए भारी एक्सरसाइज की नहीं, बल्कि रोजाना एक्टिव रहने की जरूरत है।
ये दावा है एक नई स्टडी का, जिसमें रोजाना के काम करने से बुढ़ापे में दिमाग की उम्र चार साल कम मिली है।
स्टडी के अनुसार, एक्सरसाइज से दिमागी स्वास्थ्य में सुधार और मानसिक रोगों का खतरा कम होता है।
लेकिन एक्सरसाइज के मुकाबले शारीरिक गतिविधि ज्यादा करने से दिमागी स्वास्थ्य तत्काल लाभान्वित होता है।
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खासकर घरेलू काम करते रहने से जानकारी लेने और प्रतिक्रिया करने से संबंधित दिमागी कौशल सुधारता है।
यह सुधार 40 पार वाले इंसानों के दिमाग में चार साल कम उम्र होने के बराबर जाना गया था।
यूएसए की कई स्वास्थ्य संस्थाओं के विशेषज्ञों की इस स्टडी में स्वस्थ दिमाग के 204 इंसानों का डेटा जांचा गया था।
टीम ने 40 से 65 वर्ष वालों द्वारा रोजाना कम से कम साढ़े तीन घंटे एक्टिव रहने से उनके दिमाग की प्रोसेसिंग स्पीड तेज जानी।
प्रोसेसिंग स्पीड का मतलब है सरल या पहले से सीखे गए कार्यों को आसानी से करने की अधिक क्षमता।
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शारीरिक रूप से सक्रिय रहने वालों के दिमागी कौशल में चार साल कम उम्र के बराबर सुधार था।
इसके अलावा, दिन में अधिक बार सक्रिय रहने वालों की सोचने, सीखने और याद रखने की क्षमता तेज थी।
रिसर्च टीम ने माना कि प्रतिदिन शारीरिक गतिविधियों से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में वृद्धि हो सकती है।
हालांकि, दिमागी स्वास्थ्य को कितनी शारीरिक गतिविधि और सक्रियता से लाभ मिलता है, यह पता नहीं चला।
इस स्टडी के नतीजे जर्नल एनल्स ऑफ बिहेवियरल मेडिसिन में प्रकाशित किए गए थे।
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