डिप्रेशन (Depression) वालों को स्वस्थ लोगों की अपेक्षा कई रोग तेजी से होने की संभावना लगभग 30% अधिक होती हैं।
यह चौंकाने वाली जानकारी यूके स्थित एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी की एक हालिया स्टडी ने दी है।
स्टडी नतीजों ने डिप्रेशन को केवल मानसिक ही नहीं बल्कि शारीरिक समस्या भी बताया है।
स्टडी में रिसर्चर्स ने औसतन सात वर्षों तक यूके बायोबैंक के लगभग दो लाख इंसानों का हेल्थ डेटा जांचा था।
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उन्होंने डिप्रेशन के प्रभावितों में समय बीतते 69 शारीरिक समस्याएं विकसित होने की आशंका जताई।
स्मोकिंग, अधिक वजन तथा कम शारीरिक गतिविधि भी डिप्रेशन पीड़ितों के स्वास्थ्य को चौपट करते माने गए।
डिप्रेशन प्रभावित रहे 18% इंसानों में दर्द, खराब नींद, तनावपूर्ण जीवन, अकेलापन और मोटापा अधिक आम था।
जांच से पता चला कि डिप्रेशन पीड़ितों में औसतन तीन शारीरिक समस्याएं थीं, जिनमें हाइपरटेंशन सबसे आम था।
जबकि बिना डिप्रेशन के इतिहास वालों में उनके मुकाबले संभवत: दो स्वास्थ्य समस्याएं थी।
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स्टडी के दौरान, अन्यों की अपेक्षा डिप्रेशन पीड़ितों में प्रति वर्ष एक अतिरिक्त समस्या तेजी से विकसित हुई।
नई स्वास्थ्य समस्याओं में ऑस्टियोआर्थराइटिस, गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स (पाचनतंत्र) रोग आदि प्रमुख थे।
नतीजों की मानें तो डिप्रेशन होने पर बढ़ती उम्र के दौरान लंबी चलने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा पनपता है।
लगातार मूड खराब रहना मानसिक विकार का एक लक्षण है, जिससे डायबिटीज और दिल के रोगों की संभावना बढ़ाती है।
ऐसे में डिप्रेशन पीड़ितों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
अधिक जानकारी पीएलओएस मेडिसिन में प्रकाशित स्टडी से मिल सकती है।