इंग्लैंड की ड्यूक और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन की नई रिसर्च में स्मार्टवॉच (Smartwatch) को किसी मरीज की सेहत के लिए फायदेमंद बताया गया है।
नेचर मेडिसिन में प्रकाशित इस रिसर्च के विशेषज्ञों ने स्मार्टवॉच और अन्य पहनने योग्य उपकरणों (wearable devices) के इस्तेमाल से शरीर में बीमारी, पानी की कमी और लाल रक्त कोशिका की संख्या (red blood cell count) में आए बदलाव को जानने की संभावना जताई है।
ऐसे उपकरणों से हृदय गति, शरीर के तापमान और दैनिक गतिविधियों को माप कर सेहत संबंधी भविष्यवाणी की जा सकती है, जो आमतौर पर क्लीनिकल रक्त परीक्षण (clinical blood test) से देखी जाती है।
क्लीनिकल परीक्षण डॉक्टर को किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य में आए विशिष्ट परिवर्तनों के बारे में सूचित करते है। उदाहरण के तौर पर, डायबिटीज या प्री-डायबिटीज होना, आहार में पर्याप्त आयरन या पानी की स्थिति, या रक्त कोशिकाओं की संख्या का सामान्य सीमा में होना, आदि।
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विशेषज्ञों के अनुसार, इतना होने पर भी हृदय गति और शरीर के तापमान में दैनिक भिन्नता होती है, जिसे क्लीनिक टेस्ट पकड़ नहीं पाते। लेकिन स्मार्टवॉच जैसे उपकरणों में लंबे समय तक इन परिवर्तनों को ट्रैक करने और भिन्नता की पहचान करने की क्षमता होती है।
दावे को प्रमाणित करने के लिए उन्होंने 2015 में शुरू हुए एक प्रयोग में शामिल 54 रोगियों का हवाला दिया।
तीन वर्षों तक उन रोगियों ने हृदय गति, चाल-ढाल, त्वचा तापमान और पसीने की सक्रियता को मापने वाली एक स्मार्टवॉच पहनी।
इसके अलावा, उन्होंने नियमित क्लिनिक टेस्ट में भी भाग लिया, जहां उनकी हृदय गति, तापमान, लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या, ग्लूकोज और आयरन स्तर पर नजर रखने के लिए पारंपरिक विधियों का उपयोग किया गया।
प्रयोग से पता चला कि स्मार्टवॉच डाटा और क्लिनिकल टेस्ट के बीच कई समानताएं थी।
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उदाहरण के लिए, रोगियों के पसीने की ग्रंथि कम सक्रिय होने पर स्मार्टवॉच ने शरीर में पानी की कमी का संकेत दिया।
इसके अतिरिक्त, निरंतर उच्च शारीरिक तापमान और सीमित चलने-फिरने ने बीमारी का तथा उच्च हृदय गति के साथ घटी हुई शारीरिक गतिविधि ने एनीमिया का संकेत दिया।
ब्लड टेस्ट रिपोर्ट से रोगियों में इन समस्याओं की पुष्टि भी हुई।
हालांकि, सेहत पर नजर रखने वाले ये आधुनिक उपकरण कई स्वास्थ्य समस्याओं की सटीक भविष्यवाणी करने में सक्षम नहीं थे।
फिर भी विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि इनकी मदद से डॉक्टर किसी रोगी के पूर्ण स्वास्थ्य की उचित जानकारी तुरंत प्राप्त करने और टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले ही उनका इलाज जानने में सक्षम होंगे।