Negative effects of mobile games: बोरियत से राहत पाने के लिए स्मार्टफोन गेमिंग का इस्तेमाल हानिकारक हो सकता है, ये कहना है कनाडा के वैज्ञानिकों का।
कुछ लोगों पर हुई उनकी स्टडी के नतीजे बताते है कि खराब मूड और बोरियत से बचने के लिए मोबाइल पर गेम (Mobile game) खेलना सेहत के लिए आगे चलकर नुकसानदायक हो जाता है।
वाटरलू यूनिवर्सिटी में हुई स्टडी से पता चला कि जब भी कुछ लोग बोर होते है, वो गेम खेलना शुरू कर देते है। स्मार्टफोन पर ज्यादा देर तक गेम खेलने के कारण कई समस्याएं उत्पन्न होने का डर रहता है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, गेम खेलने के दौरान तो खेलने वाले में बहुत उत्तेजना, सटीक ध्यान और सावधानी होती है, जिससे नीरसता की भावना में कमी आती है।
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लेकिन इस बढ़े हुए उत्साह के चलते इंसान अत्यधिक समय गेमिंग में बिताना शुरू कर देता है। इससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते है।
एक लोकप्रिय मोबाइल गेम का उपयोग करते हुए उन्होंने 60 प्रतिभागियों का निरीक्षण किया।
उन्होंने गेम में आने वाली विभिन्न कठिनाई के स्तरों को बहुत आसानी से पार किया। इससे उनमें अधिक उत्तेजना, कम बोरियत और गेमप्ले को जारी रखने की तीव्र इच्छा जाग्रत हुई।
धीरे-धीरे, बोरियत से बचने के लिए कभी-कभार मोबाइल फोन पर गेम खेलने का सिलसिला अधिक होता गया।
नतीजों के अनुसार, जब गेम खेलने वाले बोरियत मिटाने के लिए शुरू किए गए खेलों को अधिक फायदेमंद पाते है, तो वे ज्यादा बार और लंबी अवधि तक गेम खेलने के आदी हो जाते है।
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वैज्ञानिक इसे गलत मानते हुए कहते है भले ही इससे मूड सुधरता हो, लेकिन गेम की लत लग जाती है।
ऐसे में इंसान अन्य स्वस्थ शारीरिक गतिविधियों से दूर होकर गेम को ज्यादा समय देना शुरू कर देता है। इसके परिणामस्वरूप खीझ, गुस्से और डिप्रेशन की भावनाएं बढ़ सकती है।
स्टडी को कंप्यूटर्स इन ह्यूमन बिहेवियर जर्नल में प्रकाशित किया गया है।