कभी ख़ुशी, कभी ग़म – यह किसी फिल्म का नहीं बल्कि इंसानी भावनाओं का विवरण है, जिसके लिए हमारी आंत में रहने वाले खरबों बैक्टीरिया (Bacteria) जिम्मेदार है।
परेशानी, चिंता या उत्साह के हार्मोन इन्हीं बैक्टीरिया के कारण उत्पन्न होते है। बता दें कि इन हार्मोन के असंतुलित हो जाने पर हमारा मानसिक स्वास्थ्य गड़बड़ा सकता है।
लेकिन अब वैज्ञानिक ऐसे बैक्टीरिया बना रहे है जो किसी व्यक्ति की आंत के अंदर रासायनिक उत्पादन की निगरानी कर सकते है और किसी भी असंतुलन को ठीक कर सकते है।
इस आविष्कार का बीड़ा उठाया है वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने, जिनका कारनामा सेल सिस्टम्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
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उनके चमत्कार में ऐसे “बैक्टीरिया सेंसर” (Bacteria Sensor) का विकास शामिल है, जो किसी व्यक्ति की आंत में हार्मोन से जुड़े कुछ रसायनों का पता लगा सकता है।
ये सेंसर वाले बैक्टीरिया केमिकल उतार-चढ़ाव से होने वाली किसी भी बीमारी का पता लगा सकते है। इसके अतिरिक्त, इन सेंसरों से कुछ ऐसे केमिकल की निगरानी भी की जा सकती है जो हमारे भोजन और पेट में होते है।
यही नहीं, वैज्ञानिक एक ऐसे प्रोटीन का निर्माण भी कर रहे है जो सेंसर द्वारा एकत्रित जानकारी के आधार पर कार्य करेगा और बीमारियों का पता लगने पर उनका स्तर कम करेगा।
वैज्ञानिकों के सेंसर लगे बैक्टीरिया का उपयोग भोजन की गुणवत्ता की निगरानी के लिए या माइक्रोबियल के जीवित रहने के तरीकों को कंट्रोल करने के लिए किया जा सकता है।
ऐसी प्रक्रियाएं कई फार्मास्यूटिकल्स, ईंधन या अन्य रसायनों को बनाने के लिए उपयोग की जाती है।
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इंसानी भावनाओं से संबंधित हार्मोन का संतुलन बनाए रखने में काबिल ये बैक्टीरिया आंत में न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर को समझने में सक्षम होंगे।
स्तर बहुत अधिक होने पर बैक्टीरिया एक एंजाइम पैदा करेंगे जो लक्षित रसायन को कम करेगा। यदि स्तर बहुत कम होगा तो बैक्टीरिया अन्य एंजाइम का उत्पादन कर इसे बढ़ा सकेंगे।
वैज्ञानिकों के अनुसार, अच्छे मूड, ख़ुशी और स्वास्थ्य से जुड़े सेरोटोनिन हार्मोन का लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा आंत में बैक्टीरिया द्वारा बनाया जाता है।
लेकिन इसके कम निर्माण से एक व्यक्ति में तनाव, चिंता और खराब नींद की समस्या हो जाती है। उनके बैक्टीरिया इस तकलीफ को खत्म कर सकते है।