Reusable cloth masks effectively filter viral particles: कोरोनाकाल में बार-बार नए मास्क खरीदने के झंझट से अब आपको छुटकारा मिल सकता है।
एक नए अध्ययन से पता चला है कि कपड़े के मास्क को धोना, सुखाना और पुन: उपयोग करना एक साल तक प्रभावी हो सकता है। इससे उनकी वायरल कणों को फ़िल्टर करने की क्षमता भी कम नहीं होती है।
कोलोराडो बोल्डर यूनिवर्सिटी के रिसर्च साइंटिस्ट्स ने अपने अध्ययन में कपड़े के डबल लेयर मास्क बनाए और उन्हें 52 बार धोया, सुखाया और जांचा।
क्योंकि मास्क की जांच में इंसान शामिल नहीं थे, इसलिए उन्हें एक स्टील फ़नल के एक छोर पर लगाया गया।
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इसके माध्यम से साइंटिस्ट दल ने वास्तविक जीवन की स्थितियों के अनुसार हवा और हवाई कणों का निरंतर प्रवाह कर मास्क को टेस्ट किया।
फ़नल से उत्पन्न हाई ह्यूमिडिटी और टेम्परेचर इंसानों द्वारा सांस लेने से मास्क पर पड़ने वाले प्रभाव की नकल करने में उम्दा थे।
अध्ययन में बार-बार धोने और सुखाने से कपड़े के रेशे कमजोर होते गए, लेकिन इससे कपड़े की फ़िल्टर करने की क्षमता पर कोई खास असर पड़ते नहीं देखा गया।
हालांकि, समय बीतने पर मास्क के क्षतिग्रस्त हो जाने से सांस लेने में थोड़ी मुश्किल जरूर महसूस होने की आशंका जताई गई।
अध्ययन से पिछले शोधों के नतीजों की भी पुष्टि हुई कि सर्जिकल मास्क पर एक सूती कपड़े का बना मास्क पहनना, अकेले कपड़े की अपेक्षा अधिक सुरक्षा प्रदान करता है।
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साइंटिस्ट दल ने पाया कि सूती कपड़े के मास्क वायरस फैलाने में सक्षम 0.3 माइक्रोन के अति सूक्ष्म कणों को भी 23 प्रतिशत तक फ़िल्टर कर देते है।
इनकी तुलना में, सर्जिकल मास्क से छोटे कणों को 42 से 88 प्रतिशत और उनके ऊपर कपड़े का मास्क पहने से फ़िल्टर करने की क्षमता 40 प्रतिशत तक पहुंचते देखी गई।
एरोसोल एंड एयर क्वालिटी रिसर्च जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में, KN95 और N95 मास्क ने सूक्ष्म कणों को 83 से 99 प्रतिशत तक फ़िल्टर करके औरों से बेहतरीन प्रदर्शन किया।
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