COVID-19 लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान एक्टिव रहने के लिए ज्यादातर इंसानों ने फिटनेस ऐप्स (Fitness Apps) का उपयोग किया, ये कहना है एक स्टडी का।
स्टडी करने वाले एक्सपर्ट्स ने लॉकडाउन के चलते जिम और स्पोर्टिंग क्लब बंद होने पर एक्सरसाइज (Exercise) के लिए कई फिटनेस ऐप्स को मददगार पाया।
स्टडी एडीलेड की फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा की गई। उन्होंने पिछले साल कोरोना लॉकडाउन के दौरान लोगों द्वारा फिटनेस ऐप्स इस्तेमाल करने से होने वाले लाभों की जांच की।
एक्सपर्ट्स का मुख्य उद्देश्य यह जानना था कि लॉकडाउन में मोबाइल ऐप्स ने लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय होने के लिए कैसे प्रेरित किया।
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उन्होंने प्रतिबंधों के दौरान लोगों का एक्टिव रहना जरूरी बताया। खासकर, अगर उनकी मानसिक सेहत डाँवाडोल हो रही हो।
408 ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों पर हुए यूनिवर्सिटी के सर्वेक्षण में पाया गया कि ज्यादातर महिलाओं ने एक्सरसाइज में कमी की बात मानी, जबकि केवल 24 फीसदी पुरुषों और महिलाओं ने एक्सरसाइज में वृद्धि की सूचना दी।
लॉकडाउन के दौरान सोशल सपोर्ट, फिट रहने की चाहत और प्रेरणा के चलते लोगों को फिटनेस का महत्व पता चला, जिससे उन्होंने महामारी में ज्यादा ऐप्स इस्तेमाल किए।
35 फीसदी नागरिकों ने फिटनेस ऐप्स का इस्तेमाल हर हफ्ते सातों दिन किया। 13 फीसदी ने प्रति सप्ताह पांच बार और तीन बार ऐप का उपयोग करने की सूचना दी।
55 फीसदी ने फिटनेस ऐप्स पर मौजूद कम्युनिटी को ज्वाइन किया। इसके अतिरिक्त, 83 फीसदी ऐप उपयोगकर्ता एक्सरसाइज के लिए सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म से जुड़े।
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लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा की जाने वाली एक्सरसाइज में चलना, दौड़ना, योग, साइकिल चलाना और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग बताई गई।
यह सब जानकर एक्सपर्ट्स ने एक महामारी के दौरान शारीरिक, मानसिक और सामाजिक फायदों के लिए एक्सरसाइज से जुड़े ऐप्स का उपयोग करने की सलाह दी।
उनके अनुसार, लॉकडाउन के दौरान यदि शारीरिक गतिविधि में कमी डिप्रेशन, चिंता और तनाव बढ़ा रही है तो स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले तरीके जरूर आजमाने चाहिए।
साइकोलॉजी ऑफ स्पोर्ट एण्ड एक्सरसाइज में प्रकाशित स्टडी के नतीजे, महामारी के दौरान फिजिकल एक्टिविटी बनाए रखने के लिए फिटनेस ऐप्स के उपयोग को बढ़ावा देने की वकालत करते है।