अमेरिकी इंजीनियरों ने एक ऐसे सेंसर का अविष्कार किया है जो समय रहते सिर, गर्दन या दिमाग में लगे झटके से चोट का ख़तरा भाप सकता है।
जानकारी के अनुसार, गर्दन के पीछे लगने वाला यह नया सेंसर युक्त पैच मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर इंजीनियरों द्वारा बनाया गया है।
इस पैच की मदद से फुटबॉल, जूडो या रग्बी जैसे खेलों के दौरान लगने वाली जोरदार टक्कर या झटकों से सिर, गर्दन और दिमाग को हुई क्षति का पता लगाया जा सकता है।
साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित जानकारी की मानें तो परीक्षण के दौरान यह छोटा मगर लचीला उपकरण एक डमी की गर्दन में अचानक आए खिंचाव की सही स्थिति बताने में सक्षम रहा।
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खेल के दौरान खिलाड़ियों की गर्दन या सिर को होने वाली क्षति की भविष्यवाणी करने वाले एक्सेलेरोमीटर-आधारित सेंसर बाज़ार में पहले से ही उपलब्ध है, लेकिन ये उपकरण भारी होते है और गलत रीडिंग दे सकते है।
नए सेंसर युक्त पैच में थर्मोप्लास्टिक की बनी एक फिल्म लगी होती है, जिसे फेरोइलेक्ट्रेट नैनोजेनरेटर (ferroelectret nanogenerator) के रूप में जाना जाता है। यह फिल्म शारीरिक स्पर्श या दबाव लागू होने पर इलेक्ट्रिकल एनर्जी उत्पन्न करती है।
इसका इलेक्ट्रिकल सिग्नल गर्दन पर आए अचानक दबाव या झटके की गति और वेग का अनुमान लगाता है, जिससे घातक चोट की भविष्यवाणी की जा सकती है।
हाल ही में इस सेंसर पैच का परीक्षण एक ऐसी डमी की गर्दन के पीछे लगा कर किया गया, जिसमें एक्सेलरेटर-आधारित सेंसर और सिर के अंदर एक जाइरोस्कोप (gyroscope) लगा था।
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डमी को 61 सेमी की ऊंचाई से गिराने पर पाया गया कि नए सेंसर पैच ने सिर के अंदर लगे सेंसर के परिणामों से मिलती-जुलती 90% तक सही रिपोर्ट दी थी, जो विभिन्न सेंसर पैच उपकरणों के मुकाबले ज्यादा सटीक थी।
इसे बनाने वालों के अनुसार, इस नवीन उपकरण का उपयोग गर्दन में अचानक लगे झटके से उत्पन्न चोट को जानने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, खिलाड़ियों में अभी इसके और परीक्षण करने की आवश्यकता है।