Urine Test For Brain Tumor: किसी इंसान के पेशाब की जांच से उसे ब्रेन ट्यूमर है या नहीं, यह पता लगाना अब संभव होगा।
इस काम को अंजाम देने के लिए जापान के वैज्ञानिकों ने एक नया डिवाइस विकसित किया है।
नागोया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का यह डिवाइस, मूत्र में मौजूद एक ख़ास प्रोटीन से रोगी में ब्रेन ट्यूमर का ख़तरा भांप लेता है।
डिवाइस से पता चलने के बाद कई हेल्थ टेस्ट से बचकर समय रहते मरीज़ की सर्जरी भी संभव बताई गई है।
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यही नहीं, नए डिवाइस से अन्य प्रकार के कैंसर का जल्द पता लगाना भी संभावित हो सकता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, कई कैंसरों का जल्द पता लगाने से अब कैंसर रोगियों को ज़्यादा बचाया जा रहा है।
लेकिन ब्रेन ट्यूमर मरीज़ों के बचने की दर 20 वर्षों से लगभग अपरिवर्तित बनी हुई है। ऐसा इस कैंसर के देर से पता लगाने के कारण है।
डॉक्टर अक्सर ब्रेन ट्यूमर का पता न्यूरोलॉजिकल लक्षणों जैसे हिलना-डुलना या बोलना बंद होने के बाद ही लगा पाते है। तब तक ट्यूमर काफी बढ़ चुका होता है।
हालांकि, शुरूआती दौर में ही ट्यूमर का पता लगने और उपचार से पीड़ित की जान बचाई जा सकती है।
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यह डिवाइस कैंसर की उपस्थिति और इसकी प्रगति के लिए मूत्र में ट्यूमर संबंधित अति सूक्ष्म आकार के छालों (extracellular vesicles -EVs) का पता लगाता है।
बता दें कि ब्रेन ट्यूमर रोगियों में कैंसर के विशिष्ट आरएनए और झिल्ली प्रोटीन होते है जो बिना क्षतिग्रस्त हुए मूत्र में उत्सर्जित होते रहते हैं।
वैसे भी किसी बीमारी की पकड़ के लिए मूत्र परीक्षण एक प्रभावी और सरल विधि मानी गई है।
ब्रेन ट्यूमर के EVs का विश्लेषण करने के लिए डिवाइस को एक प्लेट के नीचे नैनोवायरों (Nanowire Assay System) का उपयोग करके विकसित किया गया है।
सटीक नतीजों के लिए ब्रेन ट्यूमर रोगियों के मूत्र से दो विशिष्ट प्रकार के EV मेम्ब्रेन प्रोटीन CD31/CD63 की पहचान भी की गई थी।
इन्हीं प्रोटीन की खोज से डॉक्टरों को लक्षण विकसित होने से पहले ट्यूमर रोगियों की पहचान करने में मदद मिल सकती है।
भविष्य में, उपयोगकर्ता इस डिवाइस के माध्यम से अन्य प्रकार के कैंसर बताने वाले नमूने भी जांच सकते है।
अधिक जानकारी के लिए एसीएस नैनो में प्रकाशित रिपोर्ट देखी जा सकती है।
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