जर्मनी के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ई-बाइक (Electrically assisted bicycles) के बढ़ते चलन और मांग को स्वास्थ्य (Health) के लिहाज़ से नुकसानदेह बताया है।
बीएमजे ओपन स्पोर्ट एंड एक्सरसाइज मेडिसिन में प्रकाशित उनकी हालिया स्टडी में, ई-बाइकर्स द्वारा हर हफ्ते स्वस्थ रहने के लिए ज़रूरी फिजिकल एक्टिविटी (Physical activity) की तय मात्रा पूरा करना मुश्किल पाया गया है।
साथ ही, ई-बाइक (e-bike) चलाने वाले इंसान एक्सीडेंट के ज़्यादा शिकार भी होते मिले है।
स्टडी के नतीजों ने साइकिल सवारों की अपेक्षा ई-बाइक चलाने वालों की कम यात्राओं और आरामदायक शारीरिक स्थिति की सूचना दी है।
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विशेषज्ञों की मानें तो ई-बाइक के चलन से बुजुर्ग, अधिक वजन या मोटापे वाले फिटनेस के लिए साइकिल का उपयोग नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि ई-बाइक को ट्रैफिक की भीड़-भाड़ और वायु प्रदूषण कम करने सहित फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ावा देने में सहायक माना गया है।
हाल के वर्षों में यूरोप, एशिया और यू.एस. में ई-बाइक तेजी से लोकप्रिय भी हो रही है।
लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय में साइकिल के मुक़ाबले ई-बाइक सवारों के लिए साप्ताहिक 150 मिनट की मध्यम या 75 मिनट की जोरदार फिजिकल एक्टिविटी के दिशानिर्देशों को पूरा करना संभव नहीं है।
हालांकि, बुजुर्गों और स्वास्थ्य समस्याओं वालों के लिए ई-बाइक लाभदायक सवारी बताई गई है।
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साप्ताहिक फिजिकल एक्टिविटी मिली कम
ज़्यादा जानकारी के लिए टीम ने पूरे जर्मनी के 1,250 ई-बाइकर्स और 629 साइकिल चालकों की साप्ताहिक फिजिकल एक्टिविटी और वाहन दुर्घटना दर की तुलना की।
पता चला कि साइकिल चालकों की तुलना में ई-बाइकर्स की स्वस्थ रहने के लिए ज़रूरी साप्तहिक फिजिकल एक्टिविटी के लक्ष्यों तक पहुंचने की संभावना लगभग आधी थी।
ई-बाइकर्स ने साइकिल चालकों की तुलना में औसतन लगभग 70 मिनट कम फिजिकल एक्टिविटी की। साइकिल चालकों ने ई-बाइकर्स की तुलना में औसतन अधिक साप्ताहिक यात्राएं कीं।
यही नहीं, ई-बाइकर्स की अपेक्षा साइकिल चालकों की औसत हार्ट रेट भी अधिक थी (क्रमश: 111 बीट प्रति मिनट बनाम 119 बीट प्रति मिनट), जो अधिक शारीरिक मेहनत का संकेत देती है।
एक साल में हुए कुल 109 एक्सीडेंट्स और 157 नियर-एक्सीडेंट्स के मामलों में साइकिल चालकों की अपेक्षा ई-बाइकर्स द्वारा 63% अधिक एक्सीडेंट्स झेलने की संभावना थी।
मज़ेदार बात थी कि ई-बाइक को तवज्जो देने का सबसे सामान्य कारण शारीरिक फिटनेस बताया गया था, लेकिन साइकिल चालकों की तुलना में ई-बाइकर्स हमेशा सुविधा का हवाला देते थे।
पर्यावरण की रक्षा करना या पैसा बचाने का तो उन्होंने कभी उल्लेख ही नहीं किया था।
तो क्या ई-बाइक ट्रैफिक, वायु प्रदूषण और सेहत के लिए वाक़ई फ़ायदेमंद रहने वालीं है – यह जानने के लिए विशेषज्ञों ने भविष्य में और स्टडी करने की ज़रूरत कही है।
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