स्मार्टफोन, टीवी और इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले बच्चे अधिक खाने के विकार (binge-eating disorder) से ग्रस्त हो रहे है, ऐसा एक शोध में पाया गया।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ईटिंग डिसऑर्डर में प्रकाशित नए अध्ययन में देखा गया कि 9-10 साल के अमेरिकी बच्चों में सोशल नेटवर्किंग और फिल्में देखते हुए अधिक और बिना सोचे-समझे खाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
शोधकर्ताओं ने ऐसा साल 2016 से 2019 तक एकत्र किए हजारों बच्चों के आकंड़ों का विश्लेषण कर पता किया।
अध्ययन में लिखा है कि सोशल मीडिया पर बिताए गए अतिरिक्त घंटों से अमेरिकन बच्चों में एक साल बाद अधिक खाने के विकार का 62 प्रतिशत और टीवी या फिल्मों को देखने में बिताए गए अतिरिक्त घंटों से इस समस्या का 39 प्रतिशत अधिक खतरा जुड़ा हुआ था।
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अधिक खाने का विकार कम समय में ज्यादा मात्रा में भोजन करने, खाने पर नियंत्रण खोने और खाने के बाद शर्म या अपराध का अनुभव करने से जुड़ा है। इसमें स्क्रीन के सामने बच्चों में अधिक कैलोरी खाने की संभावना देखी गई है।
महामारी में ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चे स्मार्टफोन का इस्तेमाल पहले से ज्यादा कर रहे जिससे उनका खाना-पीना गड़बड़ा गया है।
इससे बच्चों में युवावस्था आते-आते हृदय रोग, मोटापा या डायबिटीज की जानलेवा समस्याएं हो सकती है।
खोजकर्ताओं का कहना था कि हालांकि महामारी के दौरान टेक्नोलॉजी विस्तार से शिक्षा और समाजीकरण को तो लाभ हुआ, लेकिन अब पेरेंट्स के सामने बच्चों के ज्यादा देर तक मोबाइल या लैपटॉप देखते हुए अधिक खाने की इस आदत से बचाने की चुनौती आ गयी है।
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