रात के समय मोबाइल या कंप्यूटर का अत्यधिक उपयोग कमजोर दृष्टि (Short-sightedness) और खराब नींद (Poor Sleep) की समस्या उत्पन्न कर सकता है।
ऑस्ट्रेलिया की फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के नए शोध से संकेत मिले है मायोपिया (Myopia) यानी निकट दृष्टि रोग वाले इंसानों की नींद की गुणवत्ता, सामान्य दृष्टि वालों की तुलना में, खराब रहने की अधिक संभावना होती है।
निकट दृष्टि रोग से प्रभावित केवल पास की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने में सक्षम होते है, दूर की नहीं।
अध्ययन से यह भी पता चला है कि इस विकार वाले इंसानों में सोने-जागने से जुड़े चक्र, जिसे सर्कैडियन रिदम (Circadian Rhythm) कहते है, में देरी और मेलाटोनिन (Melatonin) का कम उत्पादन होता है।
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मस्तिष्क में स्रावित वाला मेलाटोनिन एक हार्मोन है जो रात में नींद को नियंत्रित करता है।
स्लीप पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्ष बताते हैं कि मायोपिया वालों को सोने में अधिक समय लगता है, रात में कम नींद आती है और सामान्य दृष्टि वालों की तुलना में बिस्तर पर देर तक जागने की संभावना अधिक होती है। .
ऐसा कंप्यूटर और अन्य डिजिटल उपकरणों पर अधिक समय व्यतीत करने या सोने से पहले उनके इस्तेमाल से जुड़ा हुआ बताया गया है।
अध्ययन के जानकारों का कहना था कि सर्कैडियन रिदम में बाधा पड़ने और मायोपिया के विकास के बीच सीधा संबंध है।
इसके पक्के सबूत हासिल करने के लिए कुछ नौजवानों में मेलाटोनिन और सर्कैडियन समय को जांचा गया।
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इनमें मायोपिया ग्रस्त और सामान्य दृष्टि वाले दोनों ही शामिल थे।
जानकारों के अनुसार, मेलाटोनिन हार्मोन मस्तिष्क की पीनियल ग्रंथि द्वारा स्रावित होता है और अंधेरा होते ही रिसना शुरू हो जाता है।
सुबह के 2 से 4 बजे के बीच मस्तिष्क में इसका स्राव पूरे चरम पर होता है।
लेकिन मायोपिया वाले युवाओं में सामान्य दृष्टि वालों की अपेक्षा सर्कैडियन रिदम में देरी और मेलाटोनिन का कम उत्पादन देखा गया।
ऐसे निष्कर्ष बताते है कि उत्तम नींद और सर्कैडियन रिदम न केवल सामान्य स्वास्थ्य के लिए, बल्कि अच्छी दृष्टि के लिए भी आवश्यक है।