Retinal age gap predicts mortality: आने वाले समय में आंखों की जांच से ही किसी व्यक्ति के मरने की भविष्यवाणी करना संभव होगा, ऐसा एक नई रिसर्च का सुझाव है।
रिसर्च के वैज्ञानिकों की मानें तो ऐसा उस व्यक्ति के रेटिना (Retina) की जांच के बाद प्राप्त नतीजों के आधार पर मुमकिन है।
दरअसल उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में आँखों का रेटिना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इंसानी आंख का यह पिछला पर्दा उम्र बढ़ने से होने वाले उन नुकसान के प्रति संवेदनशील होता है, जो मृत्यु दर को बढ़ाते है।
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ऑस्ट्रेलियाई, जर्मन और चीनी वैज्ञानिकों के एक साझा प्रयास में रेटिना की आयु में आए विशाल अंतर को मृत्यु के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है।
यह अंतर किसी की वर्तमान आयु (chronological age) और उसके रेटिना की अनुमानित जैविक आयु (biological age) के बीच का बताया गया है।
रिसर्च में जैविक आयु की गणना एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोग्राम द्वारा की गई थी। प्रोग्राम ने यह गणना आंख की आंतरिक पिछली सतह (Fundus) से ली गई छवियों का विश्लेषण करके की थी।
11 साल तक कुछ इंसानों पर नज़र रखने के बाद विशेषज्ञों ने एक दशक तक के अंतर वाले लोगों के मरने की संभावना 67 प्रतिशत तक बताई।
उनकी गणना के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष के अंतराल से मृत्यु का जोखिम दो प्रतिशत तक बढ़ा हुआ था।
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प्रोग्राम द्वारा रेटिना आयु से जुड़ी उम्र की भविष्यवाणी की सटीकता जानने के लिए अपेक्षाकृत अच्छे स्वास्थ्य वाले 11,052 इंसानों की दाहिनी आंख की आंतरिक पिछली सतह वाली कुछ 19,200 छवियों का उपयोग किया गया था।
अनुमान सटीक पाए जाने पर टीम ने यूके बायोबैंक से लिए गए 35,000 से अधिक प्रतिभागियों के रेटिना की उम्र के अंतर का आकलन किया।
उनमे से आधे से अधिक लोगों का रेटिना उनकी वास्तविक जैविक उम्र के मुकाबले कम से कम तीन साल बड़ा था। कुछ में तो एक दशक पुराना रेटिना भी था।
इसे 11 वर्षों तक नजर रखे गए इंसानों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड संग जोड़ा गया। इस प्रयास से वैज्ञानिक मृत्यु के कारणों को उनके रेटिना की उम्र के अंतर से जोड़ने में सफल रहे।
इस दौरान 1,800 लोगों की मृत्यु भी हुई, जो अधिकतर कैंसर, दिमागी बीमारी या हृदय रोग के शिकार हो गए थे।
रेटिना की अधिक उम्र का अंतर हृदय रोग या कैंसर के अलावा अन्य कारणों से हुई मौत के 49 से 67 प्रतिशत अधिक जोखिम से जुड़ा हुआ मिला।
शोधकर्ताओं ने इसी तरह का एक और अध्ययन बायीं आंख से ली गई रेटिना की छवियों का उपयोग करके किया, जिससे उन्हें समान परिणाम मिले।
ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी में प्रकाशित इन निष्कर्षों से पता चलता है कि इंसानी रेटिना एक ऐसी खिड़की है जिसमें झांक कर दिल, किडनी और अन्य रोगों के लक्षणों की जानकारी मिल सकती है।