Covid-19 वायरस का पता आंसुओं से भी लगाया जा सकता है, ये कहना है वैज्ञानिकों का।
ब्राज़ील की साओ पाउलो यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हुए एक शोध की मानें तो Covid-19 फ़ैलाने वाले वायरस SARS-CoV-2 का पता स्वैबिंग किए गए आंसुओं से भी लगाया जा सकता है।
बताते चलें कि Covid-19 वायरस के संक्रमितों का पता नाक के स्वैब से प्राप्त सैंपल के आधार पर लगाया जाता है।
कॉटन लगी स्वैब का उपयोग घावों को साफ करने, दवा लगाने और वायरस सैंपल लेने के लिए किया जाता है।
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शोध में ब्राज़ील और यूएस के वैज्ञानिकों की टीम ने अस्पताल में भर्ती 61 मरीज़ों के आंसुओं का सैंपल लिया था।
नाक के आरटी-पीसीआर टेस्ट के आधार पर 33 मरीज़ कोरोना पॉजिटिव मिले।
ज्ञात COVID-19 पॉजिटिव में से आंसुओं के सैंपल द्वारा 18.2% में SARS-CoV-2 वायरस का पता चला।
नतीजों से उत्साहित टीम ने इस नवीन उपाय को नाक की स्वैबिंग (nasopharyngeal swabbing) का एक विकल्प माना।
इसके अलावा, आंसुओं से वायरस संक्रमित पुष्टि हुए मरीज़ों में अधिक स्वास्थ्य समस्याएं और उच्च मृत्यु दर भी देखी गई।
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इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए भी आंसुओं से रोग का पूर्वानुमान लगाना संभव माना गया।
निष्कर्ष बताते हैं कि रोगी में वायरल लोड अधिक होने पर आँसू द्वारा वायरस पता लगाने की संभावना बढ़ जाती है।
वैज्ञानिक टीम अब आंखों के परीक्षणों और विश्लेषणों द्वारा अन्य वायरल बीमारियों का भी पता लगाने की सोच रहे है।
इस बारे में अधिक जानकारी जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल मेडिसिन में प्रकाशित उनके लेख से मिल सकती है।