एक नई स्टडी ने खून की जांच (Blood test) से ही घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस (Knee osteoarthritis) का पूर्वानुमान बताया है।
स्टडी के मुताबिक, ब्लड टेस्ट से घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस का पता एक्स-रे (X-rays) की अपेक्षा आठ साल पहले ही लग सकता है।
यह जानकारी ड्यूक यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के रिसर्चर्स ने साइंस एडवांसेज जर्नल में दी है।
उन्होंने पुख्ता जानकारी के लिए पीड़ित इंसानों के खून में ऑस्टियोआर्थराइटिस बताते कुछ लक्षणों (Biomarkers) की पहचान की थी।
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गौरतलब है कि वर्तमान जाँच उपकरण ऑस्टियोआर्थराइटिस होने के बाद ही समस्या की पहचान कर पाते है।
लेकिन नई खोज ने ब्लड टेस्ट की मदद से बहुत पहले ही इस बीमारी का पता लगाना संभव बताया है।
बता दें कि ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) गठिया का सबसे आम रूप है।
फिलहाल इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन संभावित नए उपचारों से बीमारी की शीघ्र पहचान और विकास धीमा हो सकता है।
रिसर्चर्स ने खून में विशेष बदलाव दिखाते लक्षणों की पहचान से रोग की जल्द पकड़ और प्रभावी दवा बनाना मुमकिन कहा है।
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पिछले अध्ययनों में भी ब्लड टेस्ट से घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस की भविष्यवाणी में 74% और उपचार में 85% सटीकता मिली थी।
वर्तमान स्टडी में यूके के 200 पुरुषों और महिलाओं की जांच की गई थी। इनमें से कुछ को ऑस्टियोआर्थराइटिस जबकि अन्य स्वस्थ थे।
जाँच में पता चला कि घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित महिलाओं के खून में स्वस्थ लोगों की अपेक्षा कुछ असामान्य लक्षण थे।
लक्षणों के विश्लेषण से आठ साल पहले ही ऐसी महिलाओं की पहचान हो सकी, जिनमें से कई को एक्स-रे के बाद बीमारी का पता लगा था।
नतीजों ने जोड़ों में हुए बदलाव का पता एक्स-रे की अपेक्षा ब्लड टेस्ट से लगाने पर ऑस्टियोआर्थराइटिस रोकथाम में आशा जताई है।
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