कोल्ड ड्रिंक्स, च्यूइंग गम, सप्लीमेंट्स और कई अन्य प्रोडक्ट्स में मिलाए गए एक आर्टिफिशियल स्वीटनर से कैंसर (Cancer) हो सकता है।
मीडिया ख़बरों की मानें तो इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने एस्पार्टेम (Aspartame) स्वीटनर से मनुष्यों को कैंसर माना है।
जानकारी के लिए बता दें कि यह रिसर्च एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की कैंसर शाखा है।
एस्पार्टेम पर हुई कई रिसर्च के नतीजे देखते हुए आने वाले दिनों में डब्ल्यूएचओ द्वारा इसे ‘कैंसरकारी’ घोषित करने का अनुमान है।
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एस्पार्टेम को दैनिक उपभोग की कई बाज़ारी वस्तुओं में घरेलू चीनी की जगह इस्तेमाल किया जाता है।
इस आर्टिफिशियल स्वीटनर का उपयोग 60 के दशक से हो रहा है। यह चीनी की तुलना में लगभग 200 गुना अधिक मीठा है।
किसी प्रोडक्ट में मिठास के लिए इसका इस्तेमाल चीनी की तुलना में हल्का होता है। इससे कुल कैलोरी में कम वृद्धि होती है।
चीनी के विपरीत यह ब्लड शुगर के स्तर को भी नहीं बढ़ाता है। इसलिए डायबिटीज या अन्य समस्याओं वाले बेहिचक इस्तेमाल करते है।
हालाँकि, पचने के बाद एस्पार्टेम के केमिकल लिवर व इसकी कोशिकाओं को विषाक्त करके कैंसरजनक स्थिति पैदा करते है।
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इससे पहले भी डब्ल्यूएचओ वजन नियंत्रण के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से बचने की सलाह दे चुका है।