Vitamin D3 supplement: शरीर में विटामिन डी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण और कमी से कई रोगों का ख़तरा रहता है।
अब एक नई स्टडी में बढ़ती उम्र वालों के लिए विटामिन डी की ज़रूरत अहम बताई गई है।
स्टडी ने पांच साल तक अधिक विटामिन डी लेने वालों को एट्रियल फाइब्रिलेशन (Atrial fibrillation) का कम खतरा पाया है।
एट्रियल फिब्रिलेशन को आमतौर पर दिल की अनियमित धड़कनों के रूप में जाना जाता है।
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यह समस्या उम्र के साथ बढ़ती है, जिससे स्ट्रोक, हार्ट फेलियर व मौत होने का डर रहता है।
अमेरिकन हार्ट जर्नल में प्रकाशित, ईस्टर्न फिनलैंड यूनिवर्सिटी की स्टडी में 60 से अधिक उम्र के बुजुर्ग शामिल थे।
पांच साल की स्टडी में, 2495 पुरुषो और महिलाओं पर हर दिन 1600 IU व 3200 IU विटामिन डी लेने का असर मापा गया।
स्टडी की शुरुआत में सभी बुजुर्गों ने किसी भी प्रकार की हार्ट प्रॉब्लम या कैंसर होने से इंकार किया था।
पांच साल की स्टडी के दौरान, 190 बुजुर्गों को एट्रियल फाइब्रिलेशन की समस्या होने का पता चला।
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विटामिन डी न लेने वालों की तुलना में, 1600 IU व 3200 IU लेने वालों को उपरोक्त समस्या का खतरा क्रमश: 27% व 32% कम था।
एक वर्ष के बाद, विटामिन डी की अधिक डोज लेने वालों के खून में कैल्सीडियोल (Calcidiol) की मात्रा में वृद्धि देखने को मिली।
बता दें कि कैल्सीडियोल शरीर में विटामिन डी की मात्रा को जानने का सबसे सटीक तरीका है।
वर्तमान परिणामों के आधार पर एट्रियल फाइब्रिलेशन रोकने के लिए अधिक विटामिन डी देने की सिफारिशों पर अभी और जांच होगी।