दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले स्वीटनर्स (Sweeteners) कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते है।
ताज़ा उदाहरण दिया है यूएस वैज्ञानिकों की एक टीम ने। उन्होंने एक स्वीटनर को इंसानी डीएनए (DNA) के लिए घातक पाया है।
उनकी नई स्टडी में स्वीटनर सुक्रालोज़ (Sucralose) के सेवन से बना केमिकल डीएनए को क्षतिग्रस्त करता मिला है।
यह केमिकल सुक्रालोज़ के सेवन से पहले भी स्वीटनर के अंदर अत्यल्प मात्रा में पाया गया है।
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नई स्टडी में जिस सुक्रालोज़ के बारे में हिदायत दी गई है वह स्प्लेंडा (Splenda) ब्रांड के तहत बेचा जाता है।
जिस केमिकल को इंसानी डीएनए के लिए ज़हरीला माना गया है उसे सुक्रालोज-6-एसीटेट (Sucralose-6-acetate) कहा गया है।
इस चिंताजनक खोज का आधार मानव रक्त कोशिकाओं पर Sucralose-6-acetate का असर और जीनोटॉक्सिसिटी लक्षणों की पहचान है।
जीनोटॉक्सिसिटी (Genotoxicity) से अभिप्राय हानिकारक पदार्थों द्वारा कोशिकाओं में मौजूद अनुवांशिक जानकारी को नुकसान पहुंचाने से है।
यह भी पता चला है कि सुक्रालोज़ द्वारा मीठे किए गए ड्रिंक्स में इस केमिकल की मात्रा तय सीमा से अधिक होती है।
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इसके अलावा, सुक्रालोज़ और सुक्रालोज़-6-एसीटेट केमिकल से आंत की दीवार को भी नुकसान पहुँचता हैं, जिससे ‘लीकी गट’ होता है।
‘लीकी गट’ में मल द्वारा शरीर से बाहर निकलने वाले विषाक्त पदार्थ आंत से बाहर निकलने लगते है और खून में मिल जाते है।
सुक्रालोज़-6-एसीटेट के संपर्क में आई आंत कोशिकाओं से सूजन और कैंसर संबंधित जीनों की गतिविधि में वृद्धि मिली है।
सुक्रालोज़ के दुष्प्रभावों और इंसानों की सुरक्षा को देखते हुए इसके उपयोग पर फिर से विचार करने का आग्रह किया गया है।
फिलहाल रिसर्च टीम ने लोगों को सुक्रालोज़ युक्त प्रोडक्ट्स के सेवन से बचने के लिए प्रोत्साहित किया है।
नार्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी की यह रिपोर्ट जर्नल ऑफ टॉक्सिकोलॉजी एंड एनवायर्नमेंटल हेल्थ, पार्ट बी में प्रकाशित हुई है।
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