Omega-3 fatty acids for acne: मुंहासे हमारी त्वचा की एक आम समस्या है जिससे लगभग सभी को दो चार होना पड़ता है।
रोम छिद्र बंद हो जाने से त्वचा को सूखने से बचाने वाला तेल और मृत त्वचा कोशिकाएं मुंहासों का रूप ले लेती है।
छीलने, दबाने या खुरच देने से मुंहासों का आकार बढ़ सकता है और त्वचा पर दाग-धब्बे पड़ जाते है।
लेकिन आहार में कुछ बदलाव मुंहासों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते है।
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ज़्यादा चीनी, सैचुरेटेड फैट, डेयरी प्रोडक्ट्स और बाजार के पैकेटबंद फ़ूड छोड़ने से मुंहासों में राहत की संभावना है।
इसके अलावा, कुछ आवश्यक न्यूट्रिएंट्स के सेवन से भी मुंहासों की गंभीरता को कम किया जा सकता है।
एक नई रिसर्च ने मेडिटेरेनियन डाइट (Mediterranean diet) और Omega-3 fatty acids लेने से मुंहासों में महत्वपूर्ण कमी बताई है।
मेडिटेरेनियन डाइट में फल-सब्ज़ियां ज़्यादा खाई जाती हैं और मिल्क प्रोडक्ट, अंडा-मीट या प्रोसेस्ड फ़ूड से परहेज़ किया जाता है।
जर्मनी के त्वचा विशेषज्ञों की रिसर्च में कम से लेकर मध्यम मुँहासे वाले 60 युवाओं को शामिल किया गया था।
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विशेषज्ञों ने मुंहासे प्रभावितों में डाइट व सप्लीमेंट द्वारा EPA और DHA के स्तर को बढ़ाकर सफलता हासिल की।
Omega-3 fatty acids बढ़ने से प्रभावितों की सूजन और त्वचा-घावों में महत्वपूर्ण कमी आई। साथ ही जीवन की गुणवत्ता भी सुधरी।
विशेषज्ञों के मुताबिक, स्टडी की शुरुआत में 98.3% प्रतिभागियों में Omega-3 fatty acids की कमी पाई गई थी।
16 हफ्तों की रिसर्च में, Omega-3 fatty acids के निश्चित स्तर तक पहुँचने वालों के मुँहासे की गंभीरता काफी कम हो गई।
माना गया कि EPA और DHA जैसे महत्वपूर्ण फैटी एसिड इनकी कमी वालों में मुंहासों की गंभीरता घटा सकते है।
नतीजों ने मुंहासे प्रभावितों के उपचार में आहार संबंधी सिफारिशों सहित लाइफस्टाइल बदलाव को भी सहायक मानने की सलाह दी।
इस बारे में जर्नल ऑफ़ कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजी में छपी स्टडी को विस्तार से पढ़ा जा सकता है।