Magnesium health benefits: एक नई स्टडी ने मैग्नीशियम से भरपूर आहार को स्वास्थ्य के लिए अति महत्वपूर्ण पाया है।
ऑस्ट्रेलियाई स्टडी की मानें तो खून में मैग्नीशियम का सही लेवल डीएनए नुकसान (DNA damage) और कई रोगों का खतरा घटा सकता है।
परिणामों के लिए, साउथ ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 35 से 65 वर्षीय 172 वयस्कों के ब्लड सैंपल जांचे थे।
उन्होंने कम मैग्नीशियम और होमोसिस्टीन (homocysteine) नामक अमीनो एसिड की हानिकारक अधिकता के बीच मजबूत संबंध पाया।
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यह विषाक्त संयोजन शरीर के जीन को नुकसान पहुंचाता है, जिससे लोग कई बीमारियों की गिरफ़्त में आसानी से आ जाते है।
इनमें से कुछ प्रमुख बीमारियां अल्जाइमर, पार्किंसंस, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग, डायबिटीज और कई तरह के कैंसर हो सकते हैं।
स्टडी वैज्ञानिकों ने खून में प्रतिदिन 300 मिलीग्राम से कम मैग्नीशियम को उपरोक्त बीमारियों का जोखिम बढ़ाने वाला पाया।
हालांकि, इस स्टडी से पहले इंसानों की डीएनए क्षति रोकने में मैग्नीशियम की भूमिका पूरी तरह से पहचानी नहीं गई थी।
नतीजों ने खून में कम मैग्नीशियम (18 मिलीग्राम/लीटर से कम) और बढ़ी हुई डीएनए क्षति के बीच सीधा संबंध दिखाया।
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ऐसा खून में मैग्नीशियम, होमोसिस्टीन (Hcy), फोलेट और विटामिन बी12 के लेवल को मापने से पता चला।
मैग्नीशियम और Hcy के बीच विपरीत जबकि मैग्नीशियम, फोलेट और विटामिन बी12 के बीच सकारात्मक संबंध जाना गया।
यानी खून में अधिक मैग्नीशियम लेवल जीन को होमोसिस्टीन से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए आवश्यक है।
मैग्नीशियम, फोलेट और विटामिन बी12 की कमी होने पर होमोसिस्टीन का हानिकारक असर बढ़ जाता है।
बता दें कि मैग्नीशियम मानव शरीर में मौजूद चौथा सबसे प्रचुर मिनरल है। 600 से ज़्यादा एंजाइमों को मैग्नीशियम के सहारे की ज़रूरत होती है।
इसके अलावा, लगभग 200 एंजाइमों को शरीर में महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं लागू करने के लिए मैग्नीशियम चाहिए।
मैग्नीशियम के लिए साबुत अनाज, गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ, मेवे, बीन्स, डार्क चॉकलेट आदि खा सकते है।
ये खाद्य पदार्थ शरीर को ऊर्जा देने, दाँतों और हड्डियों की मजबूती, ब्लड शुगर और बीपी नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
इन खाद्य पदार्थों के पोषक तत्व यह भी सुनिश्चित करते हैं कि दिल, मांसपेशियाँ और गुर्दे सुचारु रूप से काम करते रहें।
मैग्नीशियम की कमी उम्र बढ़ने को तेज कर सकती है, जिससे कई बीमारियों के जल्द होने का खतरा पनपने लगता है।
अब वैज्ञानिकों का अगला कदम भोजन या सप्लीमेंट के ज़रिए मैग्नीशियम के लाभकारी सेवन का निर्धारण करना होगा।
यह भी जाना जाएगा कि मैग्नीशियम कैंसर और अन्य बीमारियों की शुरुआत या प्रगति को कैसे प्रभावित कर सकता है।
इस नई स्टडी के निष्कर्ष यूरोपीय जर्नल ऑफ़ न्यूट्रिशन में प्रकाशित हुए थे।
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