Probiotic for obesity: हाई फ़ैट डाइट (High fat diet) मोटापे और अन्य बीमारियों की जनक मानी गई है।
ख़बरों की मानें तो पूरे विश्व में बढ़ते वज़न और मोटापे की महामारी तेजी से फैल रही है।
इस रफ़्तार से चिंतित स्वास्थ्य वैज्ञानिक रोकथाम के नए तरीकों की खोज में लगे है।
ऐसे में जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की नई स्टडी आशाजनक मानी गई है।
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स्टडी में, प्रोबायोटिक सप्लीमेंट हाई फ़ैट से पैदा बीमारियों को कम करते मिला है।
हालांकि, अभी यह स्टडी इंसानों की बजाए सुअरों पर हुई है।
हाई फ़ैट डाइट प्राप्त सुअरों की सेहत में प्रोबायोटिक सप्लीमेंट से अधिक सुधार मिला है।
बिना प्रोबायोटिक के हाई फ़ैट डाइट से सुअरों की किडनी और दिमाग को ज़्यादा ख़तरा था।
परीक्षण में लैक्टोबैसिलस पैरासेसी (Lacticaseibacillus paracasei) प्रोबायोटिक प्रभावी मिला है।
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L paracasei भोजन और पोषक तत्व पचाने सहित रोगजनक बैक्टीरिया से लड़ने में माहिर है।
इसकी खास किस्में दही जैसे फर्मेंटेड फूड और प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स में पाई जाती है।
रिसर्चर्स के अनुसार पौष्टिक भोजन और प्रोबायोटिक सप्लीमेंट दोनों ही हाई फ़ैट के दुष्प्रभाव घटा सकते है।
भविष्य में बीमारियां रोकने के लिए दवाओं के साथ प्रोबायोटिक्स का उपयोग सामान्य बात हो सकती है।
मेटाबोलाइट्स पत्रिका में प्रकाशित यह स्टडी, मोटापे से पैदा रोगों में प्रोबायोटिक्स इस्तेमाल लाभकारी बताती है।
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