Cranberry extract benefits: क्रैनबेरी अर्क आंत माइक्रोबायोटा में सुधार द्वारा डायबिटीज व दिल की गंभीर बीमारियां रोकने में मदद कर सकता है।
यह जानकारी कनाडा की लवल यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन एंड फंक्शनल फूड्स की साझा स्टडी से मिली है।
रिसर्च के दौरान, लगभग 40 लोगों ने सुबह और शाम 60 ग्राम ताज़ा क्रैनबेरी के बराबर का कैप्सूल सप्लीमेंट लिया था।
उन लोगों का प्रयोग की शुरुआत और चार दिन के बाद प्लाज्मा, मूत्र और मल का नमूना एकत्र किया गया था।
- Advertisement -
रिसर्च दल को केवल चार दिनों के उपयोग के बाद ही क्रैनबेरी अर्क के लाभकारी प्रभाव दिखाई दिए थे।
क्रैनबेरी और अन्य बेरीज कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़े हैं। इसका मुख्य कारण टैनिन नामक पॉलीफेनोल्स की अधिकता है।
उनमें ऑलिगोसेकेराइड जैसे छोटे फाइबर की भरमार भी होती है, जो माइक्रोबायोटा की बढ़ोतरी में योगदान करते है।
दल के अनुसार, क्रैनबेरी अर्क के पॉलीफेनोल्स और ऑलिगोसेकेराइड्स जीनस बिफीडोबैक्टीरियम बैक्टीरिया को एक्टिव करते हैं।
ऐसे करने से डायबिटीज, मोटापा, दिल की बीमारी और अन्य कार्डियोमेटाबोलिक रोगों का जोखिम कम होने लगता है।
- Advertisement -
दल ने बताया कि आमतौर पर ये बैक्टीरिया फाइबर सेवन से एक्टिव होते हैं। लेकिन क्रैनबेरी अर्क से भी यही प्रभाव देखा गया।
अर्क अक्करमेंसिया म्यूसिनीफिला एवं बिफीडोबैक्टीरियम बैक्टीरिया को उत्तेजित कर सूजन घटाने और आंत मजबूती में मदद करता है।
दरअसल जंक फ़ूड खाने से आंत माइक्रोबायोटा में खराबी आती है। इससे शरीर में सूजन होती है और कई रोग पनपने लगते है।
दल ने कहा कि शरीर में लगातार सूजन होने से डायबिटीज और हृदय रोगों जैसी कई गंभीर बीमारियां विकसित होती है।
संतुलित आहार के साथ क्रैनबेरी अर्क लेने से शारीरिक सूजन में कमी और गंभीर बीमारियों में सुधार सकता है।
अक्करमेंसिया म्यूसिनीफिला और बिफीडोबैक्टीरिया बैक्टीरिया में वृद्धि से आंत माइक्रोबायोटा स्वस्थ रहता है।
अब भविष्य की स्टडी से उन माइक्रोबायोटा को पहचानने का लक्ष्य है, जो अर्क सेवन पर सर्वोत्तम प्रभावित होते है।
यह रिसर्च वैज्ञानिक पत्रिका एनपीजे बायोफिल्म्स एंड माइक्रोबायोम्स में प्रकाशित हुई थी।
Also Read: 2035 तक संसार की आधे से अधिक आबादी होगी मोटापे का शिकार