बोस्टन मेडिकल सेंटर के नए शोध में, सामान्य महिलाओं की अपेक्षा पीठ दर्द से पीड़ित महिलाओं की जल्द मौत होने की अधिक संभावना बताई गई है। हालांकि, पीठ दर्द से परेशान पुरुषों में यह संभावना नहीं देखी गई।
इसके विपरीत, एक्सरसाइज या रोजमर्रा के काम से न रोकने वाले हल्के पीठ दर्द से किसी के जीवन को नुकसान नहीं था, लेकिन गंभीर पीठ दर्द वाले बुजुर्गों में मृत्यु दर का खतरा बढ़ा हुआ था।
पीठ दर्द और मृत्यु दर के संबंध में यह पहली व्यवस्थित समीक्षा है, जो 11 अध्ययनों में शामिल 81,337 मध्यम आयु वर्ग और बुजुर्गों की किसी भी कारण से हुई मौत को जांचने के बाद प्रकाशित की गई।
पीठ दर्द से जुड़ी उच्च मृत्यु दर सबसे अधिक उन अध्ययनों में देखी गई जिनमें केवल महिलाएं शामिल थीं या फिर ऐसे बुजुर्ग, जिन्हें गंभीर पीठ दर्द की शिकायत थी।
पीठ दर्द शारीरिक गतिविधियों को सीमित करने का एक प्रमुख कारण है, जिससे अधिक मौतें होती है। ऐसी समस्या दैनिक जीवन की गतिविधियों को कम कर देती है। फलस्वरूप, वजन बढ़ता है और हृदय रोग जैसी कई बीमारियां शरीर को घेर लेती है।
कमर दर्द से असंतुलन होने और गिरने का डर भी लगा रहता है, जिससे फ्रैक्चर हो सकता है। इस तरह के फ्रैक्चर से मौत होने की आशंका बढ़ जाती है।
पीठ दर्द के इलाज में एक्यूपंक्चर, कायरोप्रैक्टिक देखभाल, मालिश और फिजिकल थेरेपी प्रमुख है, जो दर्द निवारक दवाओं की अपेक्षा प्रभावी और सुरक्षित बताए गए है।