Tips for healthy lifestyle: लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य और जीवन को सुधारने में मददगार साबित हो सकते हैं। वैसे तो बचपन से ही अच्छे स्वास्थ्य की नींव रखी जाती हैं। लेकिन बड़े होने पर भी समय रहते स्वस्थ आदतें अपनाकर अधिकतर बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती हैं। नतीजन, वृद्धावस्था में अस्वस्थ रहने का जोखिम कम किया जा सकता हैं। अमेरिका की रश यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर ने स्वास्थ्य और दीर्घायु देने वाले ऐसे ही कुछ सुझावों की जानकारी दी है।
तनाव टालने का प्रयास कीजिए तनाव अनगिनत रोगों की जड़ माना गया है। विशेषज्ञ तनाव कम करने के लिए नियमित एक्सरसाइज, ध्यान लगाने और पेट भरकर सांस लेने की सलाह देते हैं। मधुर संगीत, अच्छी किताबें, गर्म पानी में नहाने या पालतू जानवरों संग खेलने से भी दिमाग को आराम मिल सकता है। याद रखिए, लंबे समय तक तनाव रहने से हृदय रोग, स्ट्रोक, हाई बीपी, डिप्रेशन, कैंसर, माइग्रेन, मोटापे, पेट के रोग सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। रोज़ाना 10 मिनट भी आनंददायक काम करने से रोजमर्रा के तनावों में कमी लाई जा सकती है।
फिजिकल एक्टिविटी अधिक करें स्वस्थ, सुंदर और निरोगी तन-मन के लिए शारीरिक गतिविधि रामबाण के समान है। अगली बार जब आप किसी बिल्डिंग में जाएं तो लिफ्ट की जगह सीढ़ियां चढ़ें। इससे आपके खून का बहाव तेज होगा जिससे दिल और फेफड़ों की अच्छी एक्सरसाइज होगी। साथ ही, निचले शरीर की मांसपेशियों को भी मेहनत करनी पड़ेगी। रोजाना एक्सरसाइज के लिए समय न निकाल पाने वालों के लिए यह फिट रहने का एक शानदार उपाय है। यदि आप प्रत्येक दिन 10,000 कदम चलना चाहते है तो सीढ़ियाँ चढ़ना सर्वोत्तम है। कोशिश करके पांच दिन 20 से 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी ज़रूर करें।
प्रतिदिन स्ट्रेचिंग कीजिए प्रतिदिन थोड़ी देर के लिए मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग करना आपको चोटों से बचने में मदद कर सकता है। ऐसा करने से शरीर के अंग लचीले बने रहते है और उम्र बढ़ने पर भी अकड़न नहीं होती। एक्सरसाइज करने से पहले और बाद में कुछ मिनट तक स्ट्रेचिंग ज़रूर करें। आप ऑफिस में भी कुछ स्ट्रेच ब्रेक ले सकते है। अपनी दिनचर्या में स्ट्रेचिंग के अवसरों की तलाश करें। सोने से ठीक पहले स्ट्रेचिंग करना तनाव भगाने और अच्छी नींद लाने में सहायक हो सकती है। साथ ही, संतुलन का अभ्यास आप गिरने के जोखिम को भी घटा सकता है।
भोजन में नमक कम खाएं अधिक नमक हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है। बहुत अधिक नमक युक्त आहार तनाव और चिंता बढ़ाने में भी योगदान कर सकता है। इसलिए खाने में नमक डालने से पहले उसे ज़रूर चख लें। आप अपने भोजन को स्वादिष्ट और चटपटा बनाने के लिए नींबू या उसका रस, लहसुन, अदरक, लाल मिर्च, गरम मसाले या अन्य नमक रहित उपाय भी अपना सकते हैं। अपने पसंदीदा ताजे और सूखे मसालों या हर्ब्स के इस्तेमाल से आप हमेशा स्वस्थ और ज़ायकेदार डिश का आनंद ले सकते है।
समय पर सोने की आदत डालिए हममें से अधिकांश सात या अधिक घंटों की नींद नहीं ले पाते है। समय के साथ बढ़ती नींद की कमी दिल के दौरे या स्ट्रोक का जोखिम ला सकती है। 840,000 लोगों के एक अध्ययन में पाया गया है कि केवल एक घंटे पहले सोने से डिप्रेशन का जोखिम 23 प्रतिशत तक कम हो जाता है। अगर आपको लगातार नींद न आने की दिक्कत हो रही है तो हर रात 15 मिनट पहले बिस्तर पर सोने जाने से भी आराम मिल सकता है। सोने और जागने का एक नियमित समय रखने और छुट्टी के दिनों में भी उसे फॉलो करने की आदत ख़राब नींद से बचा सकती है।
उठने-बैठने और चलने की पोजीशन ठीक रखें डेस्क, कंप्यूटर, कुर्सी या फोन इस्तेमाल करते समय अपनी पोजीशन को देखें। अपनी पीठ को सीधा करें, पेट अंदर खींचे और पैरों को बिना क्रॉस किए बैठे। आप तुरंत अधिक आराम महसूस करेंगे। ऐसी पोजीशन का अभ्यास आपको कमर दर्द से बचाने में मदद कर सकता हैं। यदि आप कंप्यूटर पर काम करते हैं, तो कंप्यूटर मॉनीटर की स्थिति, पीठ के निचले हिस्से को सहारा देने वाली कुर्सी और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज पर ध्यान ज़रूर दीजिए। थोड़ी देर के लिए काम से ब्रेक लेकर टहलने और आंखों को आराम देने की कोशिश आपकी कार्यक्षमता को बढ़ा सकती है।
वज़न और फैट कंट्रोल में रखिए स्वस्थ वजन और फैट कंट्रोल में रखने से डायबिटीज, हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कुछ कैंसर का खतरा कम हो सकता है। ख़ासकर महिलाओं के लिए फैट जमाव रोकने का एक और कारण है: यह भविष्य में कमर और कूल्हे की परेशानियों को कम करने में सहायक है। ऐसी समस्याएं बिना सर्जिकल ऑपरेशन के मां बनने वाली महिलाओं में अधिक आम है। हालांकि, हाल के एक अध्ययन में पाया गया कि बिना ऑपरेशन के मां बनी महिलाओं को अधिक वजन या मोटापे के कारण पेशाब संबंधी दिक्क्तों का खतरा बढ़ जाता है। पुरुषों में भी मोटापे या तोंद से अनेकों स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है।
खान-पान पर ध्यान दें स्वास्थ्य बनाने या बिगाड़ने में हमारे खान-पान का महत्वपूर्ण योगदान है। उम्र बढ़ने पर हमें अपने खाने पीने को लेकर सचेत हो जाना चाहिए। सफेद ब्रेड, चावल, और पास्ता की जगह फाइबर युक्त अनाज से बनी चीजों को खाना चाहिए। रेड मीट की जगह चिकन या फिश और सैचुरेटेड फैट के स्थान पर मोनो या पॉली-अनसेचुरेटेड फैट का इस्तेमाल करना चाहिए। पैकेटबंद सोडा और जूस के स्थान पर पानी का ज़्यादा सेवन करें। यदि आपको भोजन के बाद भी भूख लगती है तो चिप्स, पिज़्ज़ा या नमकीन के बजाय मुट्ठी भर बादाम, काजू या कोई मौसमी फल खाएं।
आहार में अधिक सब्जियां शामिल करें अपने दैनिक आहार में गैर-स्टार्च वाली सब्जियों को अधिक खाने का प्रयास करें। विशेष रूप से गहरी, हरी पत्तेदार सब्जियां पाचन शक्ति बढ़ाने और त्वचा व रक्त संबंधित तकलीफें दूर करने में उत्तम मानी गई है। सब्जियां फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट, मिनरल से भरपूर होती हैं और उनमें बहुत सारा पानी होता है।इसलिए बहुत अधिक कैलोरी और फैट के बिना पेट जल्दी भर देती है। रंग-बिरंगी सब्जियों से बनने वाले बहुत सारे बेहतरीन, स्वादिष्ट लेकिन स्वास्थ्यवर्धक व्यंजनों के लिए इंटरनेट की मदद ली जा सकती है।
दिमाग को व्यस्त रखिए शोधकर्ताओं ने पाया है कि मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण गतिविधियाँ – जैसे पढ़ना, नई भाषा सीखना, पहेली या सुडोकू हल करना, और शतरंज खेलना – मस्तिष्क पर सुरक्षात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। कई रिसर्च के अनुसार, नियमित रूप से अपने दिमाग को व्यस्त रखने से अल्जाइमर रोग से जुड़े डिमेंशिया के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बाएं हाथ से खाना, नए रास्ते पर चलना, घरेलू काम करना भी फायदेमंद है। सबसे आवश्यक है सामाजिक रूप से व्यस्त रहना ताकि डिमेंशिया से बचा जा सके।
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