Vitamin D importance in Covid-19: विटामिन डी को अक्सर हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पहचाना जाता है, लेकिन इसकी कमी को ऑटोइम्यून, कार्डियोवैस्कुलर और संक्रामक रोगों से भी जोड़ा गया है।
कोरोना महामारी की शुरुआत में ही वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को विटामिन डी लेने के लिए प्रोत्साहित करना शुरू किया था।
ऐसा विटामिन डी द्वारा प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (Immune response) को बढ़ाकर COVID-19 से बचाव की संभावना को ध्यान में रखते हुए किया गया था।
इस संभावना को आधार बनाकर इज़राइल की एक यूनिवर्सिटी और अस्पताल के शोधकर्ताओं ने विटामिन डी की कमी का COVID-19 गंभीरता और मृत्यु दर के बीच एक संबंध साबित किया है।
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अपने हालिया अध्ययन में विशेषज्ञों ने संक्रमण से पहले ही विटामिन डी के कम स्तर वाले अस्पताल में भर्ती मरीजों की सेहत का विश्लेषण किया था।
संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती उन मरीजों में इलाज के दौरान विटामिन डी का स्तर और भी गिर गया था।
पॉजिटिव पाए गए लगभग एक हजार से ज्यादा मरीजों के विटामिन डी स्तर को संक्रमण के दो सप्ताह से लेकर दो साल पहले तक जाना गया।
पाया गया कि 20 ng/mL से कम विटामिन डी वाले मरीजों में, 40 ng/mL से अधिक वाले लोगों की तुलना में गंभीर या घातक कोरोना होने की संभावना 14 गुना अधिक थी।
आश्चर्यजनक रूप से, कम विटामिन डी वाले मरीजों के 26 प्रतिशत के मुकाबले पर्याप्त विटामिन डी स्तर वाले रोगियों में मृत्यु दर केवल ढाई प्रतिशत ही दर्ज हुई थी।
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उम्र, लिंग, पुरानी बीमारियों आदि कारकों की जांच के बाद, विशेषज्ञों ने साबित किया कि कम विटामिन डी COVID-19 रोग की गंभीरता और मृत्यु दर में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
PLOS ONE जर्नल में प्रकाशित परिणाम बताते है कि बीमारी में इम्युनिटी मजबूत रखने के लिए विटामिन डी के सामान्य स्तर को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इससे वायरस संक्रमितों के इलाज में लाभ होगा।
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