Vitamin D for muscle strength: विटामिन डी की कमी मांसपेशियों के कार्य (Muscles function) को खराब कर शरीर में कमजोरी ला सकती है।
ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने चूहों पर की गई एक रिसर्च से मिले नतीजों के आधार पर यह जानकारी दी है।
उन्होंने विटामिन डी की कमी वाले चूहों में मांसपेशियों के कार्य और ताकत से जुड़े माइटोकॉन्ड्रियल फ़ंक्शन (Mitochondrial function) को बिगड़ा हुआ पाया।
नतीजे सुझाव देते है कि उम्र बढ़ने पर विटामिन डी की कमी दूर करने से मांसपेशियों की ताकत और कार्यों को बेहतर बनाया जा सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि के लिए आगे के अध्ययन की आवश्यकता है।
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आपको बता दें कि विटामिन डी एक हार्मोन है, जिसे हड्डियों की सेहत बनाए रखने और रिकेट्स (Recatus) तथा ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) बीमारियों को रोकने में महत्वपूर्ण माना जाता है।
कम विटामिन डी स्तर से मांसपेशियां कमजोर हो जाती है, जिसका असर हड्डियों पर पड़ता है। खासकर वृद्ध लोगों में इस विटामिन की कमी से अनेकों समस्याएं पैदा होती है।
कोशिकाओं के विशिष्ट अंग, जिसे माइटोकॉन्ड्रिया कहा जाता है, पर इस कमी का बुरा असर पड़ता है। फलस्वरूप, मांसपेशियों को गतिविधियां करने के लिए आवश्यक ऊर्जा नहीं मिल पाती।
ऑस्ट्रेलिया के गरवन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च में हुई इस खोज में, चूहों के दो समूहों को विटामिन डी की सामान्य मात्रा और कमी वाला आहार दिया गया।
तीन महीने चले इस परीक्षण में विटामिन डी की कमी वाले चूहों में मांसपेशियों का माइटोकॉन्ड्रियल फ़ंक्शन 37 प्रतिशत तक बिगड़ा हुआ पाया गया। हालांकि, ऐसा माइटोकॉन्ड्रिया की कम संख्या या मांसपेशियों में कमी के कारण नहीं था।
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जर्नल एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चलता है कि विटामिन डी की कमी माइटोकॉन्ड्रियल फ़ंक्शन को ख़राब कर मांसपेशियों में उत्पादित ऊर्जा की मात्रा को कम कर सकती है। इससे मासपेशियां कमजोर होकर खराब कार्य करती है।
इसलिए, वृद्ध लोगों में विटामिन डी की कमी रोकने से उनकी मांसपेशियों को बनाए रखने और संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
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