Ultra-processed foods risk: दिल के मरीजों को अक्सर ज्यादा मात्रा में फलों और सब्जियों को खाने और पैकेटबंद फूड आइटम्स से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
इसका कारण बताया है इटली में हुई एक स्टडी ने। स्टडी करने वाले साइंटिस्टों ने मॉल में बिकने वाले अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स (Ultra-processed food products) खाने से दूसरे दिल के दौरे (Heart attack) या घातक स्ट्रोक (Stroke) होने की चेतावनी दी है।
उनके अनुसार, इसकी गिरफ्त में पहले से ही हृदय रोगों से पीड़ित तेजी से फंस सकते है, भले ही वे शाकाहारी क्यों न हों।
बता दें कि दुनिया के लगभग सभी वैज्ञानिक ज्यादा केमिकल और इंडस्ट्रियल प्रक्रियों से गुजरने वाले अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स को एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता घोषित कर चुके है।
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नई स्टडी में पहले से ही तैयार ऐसे भोजन को ज्यादा खाने से शाक-सब्जी खाने वालों को भी घातक हृदय रोगों या स्ट्रोक का डर देखा गया।
स्टडी में दस वर्षों तक एक हजार से ज्यादा ऐसे लोगों का अनुसरण किया गया जो मॉल या दुकानों पर बिकने वाले अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाते थे। स्टडी में शामिल किए जाने के समय उन सभी को पहले से ही हृदय रोग था।
उनके द्वारा खाए जाने वाले पैकेटबंद भोजन में हाइड्रोलाइज्ड प्रोटीन, माल्टोडेक्सट्रिन, हाइड्रोजनीकृत वसा सहित डाई, प्रिजर्वेटिव, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीकिंग एजेंट, स्वाद और मिठास बढ़ाने वाले विभिन्न एडिटिव्स मिले हुए थे।
इस श्रेणी के खाद्य पदार्थों में मीठे और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, पहले से पैक भोजन और चीज़ स्प्रेड के अलावा रस्क, ब्रेकफास्ट सीरियल्स, क्रैकर्स और फलों वाली दही शामिल थे।
वैज्ञानिकों ने देखा कि इन खाद्य पदार्थों की अधिक खपत वालों को कम खाने वालों की तुलना में दूसरे दिल के दौरे या स्ट्रोक का दो-तिहाई जोखिम था, जो खाने वालों के लिए जानलेवा था।
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ऐसा भोजन ज्यादा खाने वालों को किसी भी कारण से मरने की संभावना भी 40 प्रतिशत अधिक थी।
यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित नतीजों की सलाह, प्रोसेस्ड फूड कम से कम खाने के अलावा ताजे फल और सब्जियों युक्त आहार को ज्यादा प्राथमिकता देने की थी।