टमाटर (Tomatoes), तरबूज या अन्य लाल-गुलाबी फलों और सब्जियों का सेवन हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) वालों के लिए लाभकारी हो सकता है।
ये ख़ुलासा ईरान की कई यूनिवर्सिटियों के खोजकर्ताओं द्वारा की गई एक संयुक्त स्टडी में किया गया है।
स्टडी में लाल और गुलाबी फलों-सब्जियों में मिलने वाले लाइकोपीन (Lycopene) नामक कैरोटीनॉयड के सप्लीमेंट में हाई ब्लड प्रेशर को काफी कम करने की क्षमता पाई गई है।
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खोजकर्ताओं ने कई क्लिनिकल ट्रायल से जुड़े एक नए मेटा-विश्लेषण में कहा है कि आठ सप्ताह तक लाइकोपीन सप्लीमेंट लेने वाले उच्च रक्तचाप ग्रस्त लोगों में सिस्टोलिक रक्तचाप (Systolic blood pressure – SBP) काफी हद तक कम होता मिला है।
10 ट्रायल्स में शामिल 688 इंसानों के विश्लेषण से पता चला है कि लाइकोपीन की खुराक लेने वालों में औसतन 2.6 एमएमएचजी के सिस्टोलिक रक्तचाप में महत्वपूर्ण कमी हुई थी।
यह सकारात्मक प्रभाव उच्च एसबीपी वाले लोगों में लंबे समय तक 15 मिलीग्राम की लाइकोपीन डोज लेते रहने पर ज्यादा पाया गया।
इस विषय में शोधकर्ताओं ने हर्बल मेडिसिन जर्नल में जानकारी दी है।
टमाटर कैरोटीनॉयड का असर देखने के बाद उनका कहना था कि हो सकता है लाइकोपीन सप्लीमेंट ने ब्लड प्रेशर को प्रभावित करने वाले एंजाइम को बाधित कर ऑक्सीडेटिव तनाव को कम किया हो।
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इससे खून में अप्रत्यक्ष रूप से नाइट्रिक ऑक्साइड (एनओ) का उत्पादन बढ़ा होगा।
लाइकोपीन द्वारा ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके नाइट्रिक ऑक्साइड बढ़ाने की स्थिति में ब्लड वेसल्स सुधरते है और डीएनए तथा माइटोकॉन्ड्रियल कम क्षतिग्रस्त होते है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि लाइकोपीन शरीर की एंटीऑक्सीडेंट सुरक्षा को भी बढ़ा सकता है। इससे रोगजनक सूजन, इंसुलिन खराबी और धमनियों में फैट जमाव को रोकना संभव है। इन प्रक्रियों से भी हाई बीपी कम हो सकता है।
कुल मिलाकर, निष्कर्ष बताते है कि लाइकोपीन सप्लीमेंट को बीपी नियंत्रित करने में एक स्वस्थ उपाय माना जा सकता है।
हालांकि, हाइपरटेंशन में इसकी उचित खुराक और लाभकारी प्रभावों को निर्धारित करने के लिए अतिरिक्त अध्ययन आवश्यक बताया गया है।
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