बाजार में मिलने वाले सॉफ्ट ड्रिंक्स और कृत्रिम मिठास से बने पेय पदार्थ दोनों ही दिल की बीमारी को बढ़ाने वाले है।
जर्नल ऑफ़ अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में छपे एक अध्ययन से यह भी पता चला है कि जिन आर्टिफिशियल मीठे ड्रिंक्स या फ्रूट जूस को हम हेल्दी समझ कर पी रहे है, वो भी सॉफ्ट ड्रिंक्स की तरह ही सेहत के लिए खतरनाक है।
इस दिशा में हुए पिछले अनुसंधान भी आहार में शामिल किसी भी कृत्रिम चीनी वाले पेय पदार्थ से दिल और पाचनतंत्र पर होने वाले बुरे प्रभावों को बताते है।
इन तथ्यों के लिए फ्रांस में हुई एक स्टडी को आधार बनाया गया ताकि चीनी वाले तथा कृत्रिम मिठास डालकर बनाए ड्रिंक्स से हृदय रोग होने की जांच की जा सके।
- Advertisement -
अध्ययन में 104,760 प्रतिभागियों के रिकॉर्ड शामिल किए गए थे। जिन्होंने हर छह महीने में तीन बार अपने 24-घंटे के खाने-पीने के रिकॉर्ड भरे।
कृत्रिम मिठास से बने पेय को बिना पोषक तत्वों वाले पेय के रूप में परिभाषित किया गया जिनमे एस्पार्टेम, सुक्रालोज़ और स्टीविया मिले हुए थे।
शुगरी ड्रिंक्स में 5% या अधिक चीनी वाले सभी पेय शामिल थे जिनमे सॉफ्ट ड्रिंक्स, सिरप, 100% जूस और फ्रूट ड्रिंक्स शामिल थे।
दोनों श्रेणी के ड्रिंक्स के लिए प्रतिभागियों को गैर-उपभोक्ताओं, कम उपभोक्ताओं और उच्च उपभोक्ताओं के समूह में बांटा गया।
ज्यादा मीठे ड्रिंक से हृदय संबंधी बीमारी होने का खतरा
- Advertisement -
शोधकर्ताओं ने 2009-2019 के फॉलो-अप में हृदय रोग की पहली घटना के मामलों को देखा, जिनमे गंभीर दिल की बीमारियां जैसे स्ट्रोक, एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम, एंजियोप्लास्टी आदि शामिल थे।
आंकड़ों के अध्ययन के बाद, गैर-उपभोक्ताओं की तुलना में, ज्यादा शुगरी ड्रिंक और आर्टिफिशियल स्वीटेंड पेय पदार्थ पीने वालों को पहली बार हृदय संबंधी बीमारी होने का खतरा अधिक था।
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, इस अध्ययन से पता चलता है कि कृत्रिम मिठास डालकर बनाए मीठे पेय पदार्थ, चीनी के बने पेय पदार्थ की तुलना में एक हेल्दी चॉइस नहीं है।