एक नई स्टडी ने डेयरी प्रोडक्ट्स (Dairy products) का सेवन बेहतर नींद (Sleep) लाने में सहायक बताया है।
नींद न आने या जागते रहने से मोटापे और हृदय रोग सहित कई समस्याओं का ख़तरा पाया गया है।
प्रभावित मनुष्यों को रोकथाम के लिए दवाएं दी जाती है, लेकिन उनके साइड इफेक्ट्स हो सकते है।
भोजन में बदलाव, खासकर डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से, नींद में सुधार की संभावना पाई गई है।
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एडवांस इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित इस स्टडी के बारे में अमेरिकन सोसाइटी फॉर न्यूट्रिशन ने बताया है।
इस बारे में कोलंबिया यूनिवर्सिटी इरविंग मेडिकल सेंटर के एक्सपर्ट ने जनसंख्या स्टडी व क्लिनिकल ट्रायल्स की जांच की थी।
इसके अलावा, उन्होंने डेयरी प्रोडक्ट्स द्वारा नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले संभावित तंत्रों का भी पता लगाया।
दूध, दही, पनीर आदि डेयरी प्रोडक्ट्स ट्रिप्टोफैन से भरपूर होते हैं। यह अमीनो एसिड सेरोटोनिन व मेलाटोनिन निर्माण करता है।
उपरोक्त दोनों हार्मोन्स हमारे शरीर की अच्छी नींद और सोते रहने की क्षमता को मजबूत बनाने में सहायक है।
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हालाँकि इस बारे में अधिक ट्रायल्स ज़रूरी है, लेकिन डेयरी प्रोटीन या फर्मेन्टेड डेयरी प्रोडक्ट्स सुखद नींद लाते है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा मेलाटोनिन बनाने वाले ट्रिप्टोफैन में वृद्धि और आंत माइक्रोबायोम में सुधार से संभव है।
यही नहीं, डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन का समय भी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करने में सक्षम हो सकता है।
एक स्टडी ने दिन के उजाले में ट्रिप्टोफैन सेवन से मेलाटोनिन का स्तर कम और रात को अधिक बताया है।
दिन के समय पीनियल ग्रंथि कम सक्रिय होती है और रात के समय यह मेलाटोनिन का ज़्यादा रिसाव करती है।
प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर डेयरी प्रोडक्ट्स के पोषक तत्व अच्छी नींद लाने में सहायक माने जा सकते है।
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