बच्चों और किशोरों के जीवन में ब्रेकफास्ट (Breakfast) की अहमियत बताने वाली एक स्टडी हाल ही में प्रकाशित हुई है।
फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन में छपी इस स्टडी के मुताबिक़, घर का बना हेल्दी नाश्ता (Healthy breakfast) खाना बच्चों और युवाओं के शारीरिक सहित मानसिक, भावनात्मक, और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए भी उत्तम है।
स्टडी करने वाले स्पेन के रिसर्चर्स ने ब्रेकफास्ट की आवश्यकता के साथ-साथ खाने-पीने की चीज़ों और जगह के प्रभावों की भी जानकारी दी है।
नतीजों के अनुसार, ब्रेकफास्ट छोड़ने या घर से दूर करने पर बच्चों और किशोरों में मनोसामाजिक व्यवहार संबंधी समस्याओं (psychosocial behavioural problems) की संभावना बढ़ जाती है।
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इसी तरह, कुछ खाने-पीने की चीज़ों का अधिक या कम सेवन भी मनोसामाजिक व्यवहार से जुड़ी समस्याओं का विकास कर सकता है।
स्टडी में साल 2017 के एक स्पेनिश राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया था।
इस सर्वेक्षण में शामिल 3700 से अधिक स्पेनिश निवासियों से उनके 4 से 14 वर्षीय बच्चों के ब्रेकफास्ट और मनोसामाजिक स्वास्थ्य के बारे में पूछा गया था।
निष्कर्षों में घर से दूर रहने वाले बच्चों द्वारा किया गया ब्रेकफास्ट लगभग उतना ही हानिकारक था जितना कि भोजन को पूरी तरह से छोड़ना।
रिसर्चर्स ने ऐसा घर पर बने भोजन की तुलना में बाहर के खाने का अक्सर कम पौष्टिक होना बताया।
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परिणामों से यह भी पता चला कि कॉफी, दूध, चाय, चॉकलेट, कोको, दही, ब्रेड, टोस्ट, पेस्ट्री आदि व्यवहार संबंधी समस्याओं के विकास की कम संभावना से जुड़े थे।
आश्चर्यजनक रूप से, अंडे, पनीर और प्रोसेस्ड मीट से ऐसी समस्याओं का होना अधिक पाया गया।
हालांकि इसके पीछे छिपे कारणों और प्रभावों को समझने के लिए आगे के अध्ययन की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
कुल मिलाकर उनका मानना था कि स्वस्थ लाइफस्टाइल के लिए न केवल ब्रेकफास्ट को बढ़ावा देने की आवश्यकता हैं, बल्कि यह भी कि इसे घर पर ही खाया जाना चाहिए।
इसके अलावा, मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए ब्रेकफास्ट में डेयरी और अनाज शामिल करने तथा जानवरों से मिलने वाले ज़्यादा अनसैचुरेटेड फैट युक्त चुनिंदा फ़ूड प्रोडक्ट्स को कम करने की सलाह दी गई।
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