स्पेन के विशेषज्ञों का कहना है कि सार्डिन (Sardine) मछली खाने से टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) की शुरुआत रोकी जा सकती है।
एक अध्ययन के पश्चात उन्हें पता चला कि सार्डिन में उच्च मात्रा में पाए जाने वाले टॉरिन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, कैल्शियम और विटामिन डी जैसे पोषक तत्व इस बीमारी से बचाने में मदद करते है।
इस नई वैज्ञानिक खोज से विशेषज्ञ बहुत उत्साहित है। उनका मानना है कि डायबिटीज वालों को ऐसी मछली खाने की सिफारिश करना आसान है, क्योंकि आबादी का एक बड़ा हिस्सा मछली खाता है।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सुधारने और हृदय रोगों की शुरुआत को रोकने में सार्डिन और तेलीय मछली खाने के स्वास्थ्यप्रद लाभ पहले ही सर्वविदित है।
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डायबिटीज में मछली खाने के फायदे जानने के लिए हुए एक प्रयोग में 65 वर्ष और अधिक उम्र के 152 रोगियों को शामिल किया गया।
रोगियों को तीन अलग-अलग प्राथमिक देखभाल केंद्रों से प्रीडायबिटीज होने का पता चला था।
सभी रोगियों में एक न्यूट्रिशन प्रोग्राम के तहत बीमारी के जोखिम को कम करने का प्रयास किया गया। लेकिन कुछ रोगियों ने ही हर सप्ताह 200 ग्राम सार्डिन खाना शुरू किया।
खास बात यह थी कि उन्हें हड्डियों समेत पूरी सार्डिन खाने की सलाह दी गई, क्योंकि इनमें भरपूर कैल्शियम और विटामिन डी होता है।
विशेषज्ञों ने बताया कि अध्ययन की शुरुआत में सार्डिन खाने वाले 37 फीसदी रोगियों को डायबिटीज से पीड़ित होने का ज्यादा जोखिम था, जो एक वर्ष के बाद केवल 8 फीसदी रोगियों तक ही सीमित रहा।
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इसके अलावा उनके इंसुलिन, ग्लूकोज और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल सुधार के साथ-साथ ट्राइग्लिसराइड्स और ब्लड प्रेशर में भी कमी देखने को मिली।
लेकिन जिन रोगियों ने सार्डिन खाना शुरू नहीं किया था, उसमें से 27 फीसदी को डायबिटीज होने का ज्यादा खतरा पाया गया।
अध्ययन में युवाओं की अपेक्षा 65 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले शामिल थे, क्योंकि बुजुर्ग टाइप 2 डायबिटीज से ज्यादा पीड़ित रहते है।
हालांकि, अध्ययन के एक अहम पहलू में डायबिटीज रोकने में सार्डिन के पोषक तत्वों को अलग-अलग सप्लीमेंट के रूप में लेने पर फायदेमंद न होने की बात भी कही गई।
विशेषज्ञों की सलाह थी कि टॉरिन, ओमेगा 3, कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर सार्डिन मछली खाना से ही असल स्वास्थ्य लाभ देखे गए थे।
अध्ययन के परिणाम क्लीनिकल न्यूट्रिशन पत्रिका में प्रकाशित हुए।