Vitamin D for skin cancer: विटामिन डी मानव शरीर के कई सामान्य कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन इसकी कमी से कई रोग भी हो सकते है।
हाल ही में हुई ईस्टर्न फिनलैंड यूनिवर्सिटी की स्टडी ने विटामिन डी की कमी वालों में मेलेनोमा कैंसर (Melanoma cancer) के ज़्यादा मामले पाए है।
हालांकि, रोज़ाना विटामिन डी सप्लीमेंट (Vitamin D supplement) लेने वालों में इस त्वचा कैंसर (Skin cancer) के कम मामले मिलने की भी जानकारी है।
मेलेनोमा एक प्रकार का त्वचा का कैंसर है जो ज़्यादातर वयस्कों में देखा जाता है। यह कैंसर त्वचा के किसी भी हिस्से में पनप सकता है।
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स्टडी के निष्कर्ष मेलानोमा रिसर्च जर्नल में प्रकाशित हुए है। इसमें त्वचा कैंसर के बढ़ते जोखिम वाले लगभग 500 पुरुष और महिलाएं शामिल थी।
अभी तक विटामिन डी और त्वचा कैंसर लिंक के लिए मुख्य रूप से कैल्सिडिओल (Calcidiol) सीरम स्तर पर ही निर्भरता रही है।
यह विटामिन डी का एक मेटाबोलाइट है। इसकी जांच से ही इंसानों में विटामिन डी की कमी का पता लगाया जाता है।
लेकिन वैज्ञानिकों की राय में सीरम कैल्सिडिओल मानव त्वचा में विटामिन डी की सही जानकारी नहीं देता है।
नतीजों में सीरम कैल्सिडिओल स्तर कैंसर के दौरान त्वचा में होने वाले बदलावों से महत्वपूर्ण ढंग से जुड़ा नहीं था।
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यूनिवर्सिटी के अनुभवी त्वचा विशेषज्ञों ने रोगियों की जांच के बाद विटामिन डी की कमी वालों में मेलेनोमा कैंसर ज़्यादा पाया।
जबकि नियमित रूप से विटामिन डी सप्लीमेंट लेने वालों में त्वचा कैंसर का ख़तरा कम था।
विश्लेषण से पता चला कि सप्लीमेंट न लेने वालों की तुलना में नियमित उपयोगकर्ताओं के बीच मेलेनोमा का जोख़िम आधे से भी काफ़ी कम हुआ था।
निष्कर्ष के अनुमान में कभी-कभार विटामिन डी सप्लीमेंट का उपयोग करने वालों में भी मेलेनोमा का जोखिम कम हो सकता है।
हालांकि, विटामिन डी के उपयोग से अन्य त्वचा कैंसरों पर कोई महत्वपूर्ण असर पड़ता नहीं जाना गया।
ऐसा क्यों था और मेलेनोमा में लाभकारी प्रभाव के लिए विटामिन डी सप्लीमेंट की इष्टतम खुराक कितनी होनी चाहिए, इसका उत्तर दिया जाना बाकी है।