बाजार में बिकने वाले रिफाइंड अनाज और ज्यादा मीठे से बने जंक फूड के मुकाबले साबुत अनाज, फलों, सब्जियों और कम डेरी उत्पाद खाने से स्ट्रोक का खतरा 10 फीसदी घटाया जा सकता है।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के मेडिकल जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया कि शाकाहारी भोजन से इस्केमिक स्ट्रोक (ischemic stroke) होने का खतरा कम होता है।
इस्केमिक स्ट्रोक मस्तिष्क में खून के प्रवाह की रुकावट के साथ जुड़ा हुआ है और स्ट्रोक (stroke) का सबसे आम प्रकार है। लगभग 85 प्रतिशत स्ट्रोक इस्केमिक होते है।
स्वस्थ आहार और स्ट्रोक के जोखिम से जुड़े इस अध्ययन में 209,508 लोग शामिल थे, जिन्हें अध्ययन की शुरुआत में हृदय रोग या कैंसर नहीं था। ऐसे लोगों की सेहत और खान-पान पर शोधकर्ताओं ने 25 से अधिक वर्षों तक नजर रखी।
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अस्वस्थ या जंक फूड तथा मांस और डेयरी उत्पाद खाने वालों ने ऐसे आहार की पौधे-आधारित आहार (plant based diet) वालों की अपेक्षा दोगुनी मात्रा खाई।
अध्ययन के दौरान, 6,241 लोगों को हुए स्ट्रोक में 3,015 को इस्केमिक स्ट्रोक (ischemic stroke) और 853 को हेमोरेजिक स्ट्रोक (hemorrhagic stroke) पड़ा।
बाकी लोगों के स्ट्रोक का प्रकार शोधकर्ताओं को पता नहीं चला।
आहार में कम साग-सब्जियों और फलों का सेवन करने वालों के मुकाबले इन्हें ज्यादा खाने वालों को स्ट्रोक होने का डर 10 प्रतिशत कम पाया गया।
इसके अलावा, कम जंक फूड खाने वाले लोगों को इस्केमिक स्ट्रोक होने का खतरा भी 8 प्रतिशत कम दिखा। लेकिन ब्रेन स्ट्रोक के खतरे पर पौधों आधारित खाने का कोई प्रभाव नजर नहीं आया।
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अध्ययन के परिणामानुसार, भविष्य में स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए भोजन की गुणवत्ता को ध्यान में रखना चाहिए।
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