दुनिया भर के वैज्ञानिक गंभीर बीमारियों के इलाज में दवाओं की अपेक्षा प्राकृतिक तत्वों का उपयोग बेहतर मानते आए है।
इसी खोजबीन में जुटे कुछ वैज्ञानिकों ने विभिन्न प्रकार के समुद्री लाल शैवाल (Red Seaweed) को कैंसर कम करने में फायदेमंद बताया।
शैवाल या एल्गी (Algae) पादप जगत का सबसे सरल जलीय जीव है, जो प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करता है।
कोरिया के नेशनल रिसर्च फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने जपानियों को शैवाल से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों से पर्दा उठाया।
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जापान में दुनिया के अन्य देशों की अपेक्षा पेट के कैंसर (Colon Cancer) से पीड़ित रोगियों के कम मामले देखे गए।
कई लोगों ने माना कि ऐसा जापानी आहार या जीवनशैली के किसी खास पहलू के कारण हुआ। ऐसे में वैज्ञानिकों ने कोलन कैंसर की कम आवृत्ति के लिए उनके समुद्री शैवाल को खाने की जांच की।
आपको बता दें कि समुद्री लाल शैवाल हजारों वर्षों से एशियाई समुदायों के आहार में शामिल है।
कई अध्ययनों से भी पता चला कि जो एशियाई लोग नियमित रूप से समुद्री शैवाल खाते है, उनमें कोलन, कोलोरेक्टल और स्तन कैंसर का खतरा कम होता है।
शैवाल के कैंसर विरोधी प्रभावों को जानने के लिए वैज्ञानिकों ने एंजाइमों का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के समुद्री लाल शैवाल की संरचना को तोड़ा और उनमें मौजूद कई तरह की शुगर का परीक्षण किया।
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उन्होंने पाया कि खाए जाने पर लाल शैवाल आंत में टूटता है और इन शुगर को छोड़ता है। यह शुगर प्रोबायोटिक बैक्टीरिया के लिए भोजन का काम करती है।
इसके अतिरिक्त वैज्ञानिकों ने शुगर को कैंसर विरोधी गतिविधि से भी जुड़ा हुआ पाया।
ये शुगर सामान्य कोशिकाओं के विकास को प्रभावित किए बिना, विशेष रूप से कोलन कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकती है।
मरीन ड्रग्स पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के वैज्ञानिक, जल्द ही समुद्री लाल शैवाल के औषधीय गुणों को चिकित्सा में उपयोग करने के प्रति आशान्वित दिखे।