शाकाहारी भोजन (plant based diet) खाने के बाद कैलोरी की खपत करता है, वजन कम (weight loss) करता है, और अधिक वजन वाले व्यक्तियों में कार्डियोमेटाबोलिक जोखिम (cardiometabolic risk) वाली वजहों को सुधारता है।
यह नई खोज फिजिशियनस कमेटी फॉर रेस्पोंसिबल मेडिसिन (Physicians Committee for Responsible Medicine) के शोधकर्ताओं द्वारा की गयी जो जेएएमए नेटवर्क ओपन (JAMA Network Open) में प्रकाशित हुई है।
क्या है रिसर्च
अध्ययन के लिए कुछ प्रतिभागियों को, जो अधिक वजन (overweight) वाले थे लेकिन डायबिटीज (diabetes) नहीं थी, को दो ग्रुप में 1 :1 अनुपात (ration) में शामिल किया।
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16 सप्ताह के लिए, एक ग्रुप के प्रतिभागियों ने बिना कैलोरी पर नियंत्रण किए कम वसा वाली फल, सब्जियां, साबुत अनाज आदि शाहकहारी आहार का सेवन किया। कण्ट्रोल ग्रुप के लोगों ने कोई आहार परिवर्तन नहीं किया।
पौधों पर आधारित आहार (plant based diet) समूह के लोगों में 16 सप्ताह के उपरांत भोजन के बाद 18.7 प्रतिशत कैलोरी बर्न (calorie burn) में वृद्धि हुई लेकिन कण्ट्रोल ग्रुप के लोगों में भोजन के बाद कैलोरी बर्न में महत्वपूर्ण बदलाव नहीं आया।
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निष्कर्ष से क्या पता चला
सिर्फ 16 हफ्तों के भीतर, पौधों पर आधारित समूह में प्रतिभागियों ने, नियंत्रण समूह के बिना किसी बदलाव की तुलना में, अपने शरीर के वजन को औसतन 6.4 किलो (लगभग 14 पाउंड) कम कर दिया।
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इसके अलावा, शाकाहारी समूह ने फैट मास (fat mass) और विसरल फैट (visceral fat) (आंतरिक अंगों के आसपास जमा खतरनाक वसा) की मात्रा में महत्वपूर्ण गिरावट भी देखी।
शोधकर्ताओं ने येल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर मांसपेशियों (muscles) और लिवर सेल्स में जमा फैट पर नज़र रखने के लिए मैग्नेटिक रेजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी (magnetic resonance spectroscopy) का उपयोग भी किया।
उन्हें पता चल कि शाकाहारी समूह के लोगों ने क्रमशः जिगर (liver) और मांसपेशियों (muscles) की कोशिकाओं के अंदर वसा को 34% और 10% तक कम कर दिया।
इन कोशिकाओं में जमा फैट को इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) और टाइप 2 डायबिटीज (type 2 diabetes) होने से जोड़ा गया है। दूसरी ओर, कण्ट्रोल ग्रुप ने किसी भी बदलाव का अनुभव नहीं किया।
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शाकाहारी भोजन से फायदा
पौधों पर आधारित आहार लेने वालों में इन्सुलिन प्रतिरोध कम होने के साथ ही इन्सुलिन सेंसटिविटी (insulin sensitivity) बढ़ी और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (LDL cholesterol) कम हुआ, जबकि नियंत्रण समूह ने कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखा।
पौधों पर आधारित समूह ने न केवल अपना वजन कम किया, बल्कि उन्होंने कार्डियोमेटाबोलिक सुधार का भी अनुभव किया जो टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने में सहायक है।