पौधों से मिलने वाला भोजन (Plant based diet) हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) और गर्भावस्था (Pregnancy) की जटिलता को दूर करने में कारगर है, ऐसा नए अध्ययनों से पता चला।
जानवरों पर हुए प्रयोग में वैज्ञानिकों ने पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थों और रेशेदार अनाज को खाने से गर्भवती चुहियां में ब्लड प्रेशर और गर्भावस्था की जटिलता दूर होते देखी।
इससे उनकी होने वाली संतानों को भी घातक प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia) के प्रकोप से बचाया जा सका।
बता दें कि प्रीक्लेम्पसिया गर्भावस्था के दौरान होने वाली ऐसी समस्या है, जिसमें मां का ब्लड प्रेशर बढ़ने से किडनी और लिवर को क्षति का खतरा हो जाता है।
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वैज्ञानिकों ने पौधों पर आधारित भोजन खाने से हुए सकारात्मक प्रभाव के पीछे आंत में रहने वाले अति सूक्ष्मजीवों (Gut Microbiota) की भूमिका महत्वपूर्ण बताई।
दरअसल, हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से ही इनका विकास होता है।
ज्यादा नमक खाने से इन पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ता है, ऐसा अध्ययन करने वाले जॉर्जिया और विस्कॉन्सिन मेडिकल कॉलेज के वैज्ञानिकों का कहना था।
उन्हें मिलें निष्कर्षों की मानें तो स्वस्थ भोजन के पोषक तत्व आंत में रहने वाले अति सूक्ष्मजीवों में सुधार लाते है, जिससे हम लंबे समय तक स्वस्थ रहते है।
इसे देखने के लिए वैज्ञानिकों ने कुछ चूहें-चुहियों को पौधों पर आधारित आहार और जानवरों से मिलने वाले प्रोटीन युक्त आहार पर रखा।
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दोनों तरह के आहार में सोडियम की कम मात्रा होती है। लेकिन अध्ययनों में देखा गया कि साबुत अनाज खाने वाले प्रीक्लेम्पसिया से सुरक्षित रहे, जबकि प्रोटीन आहार खाने वाले लगभग आधे जानवरों में यह समस्या विकसित हुई।
जांच करने पर उनमें खराब किडनी, हाई ब्लड प्रेशर और सूजन आने के लक्षण दिखाई दिए। कुछ समय बाद वे स्ट्रोक, किडनी की बीमारी और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं से ग्रस्त होकर मर गए।
वैज्ञानिकों का कहना था कि गर्भावस्था के दौरान खराब आहार खाने वाली मां के बच्चे पर भी इसका बुरा असर होगा। इसलिए स्वस्थ आहार खाना मां और शिशु दोनों की अच्छी सेहत के लिए अनिवार्य है।
ऐसे में पौधों से मिलने वाला कम नमक का आहार, जानवरों से मिलने वाले प्रोटीन युक्त आहार की तुलना में ज्यादा फायदेमंद और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने वाला होगा।