Gut Microbiome Diversity: आंत के बैक्टीरिया में विविधता से मानव स्वास्थ्य पर अनेकों सकारात्मक प्रभाव पड़ते जाने गए है।
इस संदर्भ में ताज़ा उदाहरण पेश किया है यूएस स्थित पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी की दो नई रिसर्च ने।
दोनों रिसर्च ने रोज़ाना मूंगफली (Peanuts), जड़ी-बूटियों और खाने में डाले जाने वाले मसालों (Herbs and spices) के सेवन से आंत बैक्टीरिया (Gut bacteria) बेहतर होते पाया है।
न्यूट्रिशन साइंटिस्टों की मानें तो आहार में छोटे-मोटे बदलावों से ही पेट में मौजूद माइक्रोबायोम को सुधारा जा सकता है।
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दरअसल मानव आंत ऐसे अरबों सूक्ष्मजीवों का घर है जो शरीर की लगभग सभी प्रणालियों को प्रभावित करते है।
इनमें पाचन तंत्र से जुड़े मेटाबॉलिज़्म सहित बीमारियों से बचाने वाले इम्यून सिस्टम का निर्माण और रखरखाव शामिल है।
वैज्ञानिक शोध बताते है कि विभिन्न सूक्ष्मजीवों से भरी आंत वाले इंसानों का स्वास्थ्य कम सूक्ष्मजीवों वालों के मुक़ाबले बेहतर रहता है।
इस धारणा को मजबूत किया है क्लिनिकल न्यूट्रिशन पत्रिका में प्रकाशित यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च ने।
नतीजों में प्रतिदिन 28 ग्राम मूंगफली के सेवन को उच्च कार्बोहाइड्रेट वाले रेडीमेड स्नैक्स की तुलना में फायदेमंद पाया गया है।
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छह सप्ताह की रिसर्च के अंत में, मूंगफली खाने वालों में स्वास्थ्यवर्धक सूक्ष्मजीवों की भरमार देखी गई है।
ऐसा ही नज़ारा जड़ी-बूटियों और मसालों के सेवन से सबंधित द जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में छपी दूसरी रिसर्च में देखा गया है।
चार सप्ताह के अंत में, दालचीनी, अदरक, जीरा, हल्दी, अजवायन, तुलसी आदि मसालों युक्त आहार लेने वालों की आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया विविधता अधिक मिली है।
साइंटिस्टों ने जड़ी-बूटियों और मसालों के मिश्रण की मध्यम से लेकर ज़्यादा मात्रा से हृदय रोग का खतरा भी घटता जाना है।
उनके अनुसार, खाने में जड़ी-बूटियों और मसालों को शामिल करने से हर कोई लाभान्वित हो सकता है।
इनसे आहार को स्वादिष्ट बंनाने के साथ ही सोडियम की मात्रा को कम करना भी आसान है।
दोनों रिसर्च में, रुमिनोकोकासी (Ruminococcaceae) और अन्य बैक्टीरिया की विविधता में वृद्धि से हाई ब्लड प्रेशर और वज़न कम होने की सूचना है।