Flavonoids rich food for Parkinson’s patients: एक हालिया अध्ययन ने पार्किंसन के नए रोगियों द्वारा ज्यादा मात्रा में फ्लेवोनॉइड युक्त आहार खाने से मरने की संभावना कम पाई है।
पार्किंसंस रोग सेंट्रल नर्वस सिस्टम की गड़बड़ी से जुड़ा ऐसा विकार है, जो शारीरिक गतिविधि और संतुलन को प्रभावित करता है।
मरीजों द्वारा खाए गए फ्लेवोनॉइड युक्त खाद्य पदार्थों में चाय, सेब, संतरा, स्ट्राबेरी और रेड वाइन की अधिकता शामिल थी।
अध्ययन के दौरान, ऐसे खाद्य पदार्थों की सप्ताह में तीन या अधिक सर्विंग्स खाने वालों की तुलना में कम फ्लेवोनॉयड्स खाने वालों की पार्किंसन से मरने की संभावना ज्यादा थी।
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कई प्रकार के फ्लेवोनॉयड्स की जांच के बाद विशेषज्ञों ने फ्लेवन-3-ऑल्स (flavan-3-ols) और एंथोसायनिन (anthocyanins) की उच्च खपत को पार्किंसंस होने से पहले और बाद में मृत्यु के कम जोखिम से जुड़ा पाया।
फ्लेवोनॉयड्स पौधों में पाए जाने वाले शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है, जो मानव शरीर और मस्तिष्क पर सुरक्षात्मक प्रभाव ड़ालते है।
अध्ययन में पार्किंसंस पीड़ित 72 वर्ष तक के एक हजार से अधिक लोगों से 33 वर्षों के दौरान उनके फ्लेवोनॉइड सेवन के बारे में जाना गया।
हर चार साल में उनका सर्वेक्षण किया जाता था ताकि पता लगता रहे कि उन्होंने चाय, सेब, जामुन, संतरे और संतरे के रस सहित विभिन्न खाद्य पदार्थों को कितनी बार खाया।
अध्ययन के अंत तक पीड़ितों में से 944 की मृत्यु हो गई थी। उनमें से 513 लोगों की मौत पार्किंसन से, 112 लोगों की मौत हृदय रोगों से और 69 लोगों की मौत विभिन्न कैंसर से हुई थी।
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विशेषज्ञों ने पता लगाया कि प्रत्येक दिन आहार से लगभग 673 मिलीग्राम फ्लेवोनॉइड लेने वालों की, सबसे कम (134 मिलीग्राम) फ्लेवोनॉइड उपभोक्ताओं की तुलना में, जीवित रहने की संभावना 70 प्रतिशत अधिक थी।
उच्च फ्लेवोनॉइड खपत वाले पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही जीवित रहने की दर बेहतर थी।
हालांकि, यह समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है कि फ्लेवोनॉयड्स युक्त उच्च आहार खाने वाले पार्किंसंस मरीजों के जीवित रहने की दर बेहतर हो सकती है।
यह शोध अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के मेडिकल जर्नल, न्यूरोलॉजी® में प्रकाशित हुआ है।
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