ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 fatty acids) लेने से हृदय संबंधी स्वास्थ्य (Cardiovascular health) में सुधार होता है, ऐसा एक अध्ययन से पता चला है।
अध्ययन करने वाले मेसाचुसेट्स के ब्रिघम एंड वीमेन हॉस्पिटल के खोजकर्ताओं ने कुछ अन्य विशेषज्ञों संग मिलकर ओमेगा-3 फैटी एसिड पर हुए 38 परीक्षणों का गहन विश्लेषण किया।
उन्होंने ओमेगा-3 फैटी एसिड लेने से हृदय संबंधी परिणामों में सुधार देखा।
ईक्लिनिकल मेडिसिन में प्रकाशित उनके अध्ययन के नतीजे बताते है कि ईपीए + डीएचए (EPA+DHA) सप्लीमेंट्स की तुलना में अकेले ईपीए (EPA) सप्लीमेंट लेने से कार्डियोवैस्कुलर खतरों में काफी अधिक कमी देखी गई।
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बता दें कि तीन मुख्य ओमेगा-3 फैटी एसिड में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए), ईकोसापेंटेनोइक एसिड (ईपीए), और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए) शामिल है।
हालांकि, पिछले कुछ अध्ययनों ने ओमेगा-3 फैटी एसिड सेवन और दिल की सेहत पर सवाल खड़े किए थे, लेकिन अब जांचकर्ताओं की टीम का कहना था कि उन्हें मिले सबूत ईपीए लेने के एक जबरदस्त लाभ का समर्थन करते है।
अध्ययन में ओमेगा-3 फैटी एसिड के साथ ही ईपीए मोनोथेरेपी और ईपीए + डीएचए थेरेपी के परीक्षण भी जोड़े गए।
इन सभी अध्ययनों में एक लाख से ज्यादा लोग शामिल थे। उन सभी के कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य में दिल के दौरे, नसों में प्लाक की स्थिति, अनियमित दिल की धड़कन आदि की जांच रिपोर्ट शामिल थी।
कुल मिलाकर, ओमेगा-3 फैटी एसिड लेने से हृदय मृत्यु दर और अन्य परिणामों में सुधार देखा गया। इसमें भी, ईपीए + डीएचए की अपेक्षा ईपीए परीक्षणों में कार्डियोवैस्कुलर सेहत में ज्यादा सुधार दर्ज किया गया।
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इस पर टीम का कहना था कि जबकि दोनों को ओमेगा-3 फैटी एसिड माना जाता है, लेकिन ईपीए से ज्यादा सुधार अलग-अलग रासायनिक गुणों के कारण संभव हो सकता है। ऐसे में दिल संबंधी सेहत और बीमारियों की रोकथाम के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड, विशेष रूप से ईपीए की भूमिका महत्वपूर्ण है।
इस बारे में उन्होंने आगे और रिसर्च को प्रोत्साहित करने की बात भी कही।